नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ यूनिट ने साइबर जालसाजों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो फिशिंग पेजो और एसबीआई नेटबैंकिंग और योनो ऐप का इस्तेमाल करने वाले हजारों ग्राहकों को ठग चुका है। गिरोह केवाईसी अपडेट करने के नाम पर नेट बैंकिंग लॉगिन डिटेल्स हासिल कर अकाउंट पर हाथ साफ कर देते थे। देशभर में लोगों के साथ ठगी करने वाले इस पैन इंडिया नेटवर्क के 23 जालसाजों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी पीड़ितों को योनो ऐप पर केवाईसी अपडेट करने के बहाने अपने जाल में फंसाते थे।
डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक, कई शिकायतें मिल रहीं थीं, जिसमें यह पता चला कि पीड़ितों को योनो ऐप पर केवाईसी अपडेट करने के बहाने ठगा गया था। इसके बाद एसबीआई प्रबंधन से संपर्क किया गया। एसबीआई से डेटा लेकर विस्तृत जांच की गई तो पता चला कि 100 से अधिक शिकायतें मिली थी। जिसमें 51 शिकायतें दिल्ली से संबंधित थीं। इसके बाद शिकायतों की संख्या करीब एक हजार तक पहुंच गई। पुलिस ने आरोपियों के पास से 58 मोबाइल, 12 लैपटॉप, 20 डेबिट कार्ड और 202 सिम कार्ड बरामद किए हैं।
ऐसे प्लेटफॉर्म का करते थे इस्तेमाल
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, गिरोह एनजी रॉक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर फेक फिशिंग पेज बनाकर धोखाधड़ी करता था। आरोपी बल्क मैसेज भेजकर ग्राहकों को फर्जी योनो ऐप का लिंक भेजते थे। ग्राहक लिंक पर क्लिक कर जैसे ही अपने क्रेडेंशियल इस पर अपलोड करते थे। गिरोह उनके अकाउंट को लॉगिन कर लेते थे और फिर पैसा निकाल लेते थे। केवाईसी अपडेट करने के नाम पर नेट बैंकिंग क्रेडेंशियल हासिल करते थे। अलग अलग शहरों में प्लानिंग कर पुलिस ने एक साथ छापेमारी कर 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
आरोपियों द्वारा भेजे गए लिंक की जांच की गई तो पता चला कि ये लिंक सूरत, कोलकाता, गिरडीह, जामताड़ा, धनबाद और दिल्ली एनसीआर से भेजे जा रहे थे। लिंक भेजने वालों के ठिकानों की पहचान की गई तो यह पता चला कि आरोपी अलग-अलग मॉड्यूल बनाकर काम कर रहे थे। फिशिंग लिंक बनाने और होस्ट करने में एक मॉड्यूल शामिल था, जबकि दूसरा मॉड्यूल थोक एसएमएस और कॉल करने के लिए नकली सिम कार्ड प्राप्त करता था। तीसरा मॉड्यूल फिशिंग लिंक भेजने और पीड़ित को कॉल करने में शामिल था। अगर पीड़ित ने फिशिंग पेज पर ओटीपी नहीं डाला तो यही मॉड्यूल कॉल करता था। इसके अलावा चौथा मॉड्यूल पीड़ितों के नेट बैंकिंग में लॉगिन करता था और धोखाधड़ी से रुपये ट्रांसफर करता था। जबकि पांचवा मॉड्यूल नकली और धोखाधड़ी वाले बैंक खातों की खरीद में शामिल था और छठा मॉड्यूल बैंक खातों से पैसे निकालने का काम करता था। पुलिस ने 25 मार्च को एक साथ आरोपियों को पकड़ने के लिए सूरत, कोलकाता, गिरिडीह, जामताड़ा, धनबाद में उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी।
कहां से कितने आरोपियों को दबोचा
सूरत से 12, कोलकाता से छह और गिरिडीह से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह जामताड़ा से एक तथा धनबाद से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से बरामद लैपटॉप, फोन आदि की फोरेंसिक जांच की जा रही है। बरामद सिम कार्डों और मोबाइल की जांच से पता चला कि आरोपियों के खिलाफ 820 शिकायतें दर्ज हैं। आरोपियों में पवन मंडल, टिंकू मंडल, छोटू कुमार मंडल, सन्दीप मंडल, रामजीत मंडल, वीरेंद्र मंडल, रामजीत मंडल, वीरेंद्र मंडल, सुशील कुमार मंडल, रवि कुमार मंडल, संजीत कुमार मंडल, राज किशोर मंडल, विकास कुमार मंडल, महेंद्र मंडल, शंकर कुमार मंडल, पप्पू कुमार मंडल, कुलदीप मंडल, प्रमोद कुमार, विनोद कुमार, नीरज शर्मा, टिंकू कुमार मंडल, तिनकू कुमार मंडल, उमेश कुमार मंडल, राजेन्द्र मंडल और संजय कुमार मंडल शामिल हैं।