डेस्क:महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है लेकिन महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग को लेकर बात बन ही नहीं रही है। अब गठबंधन के घटक दलों ने एक दूसरे पर आरोप लगाने भी शुरू कर दिए हैं। 20 नवंबर को ही चुनाव होने हैं और ऐसे में सीटों का बंटवारा होने का दबाव सभी पार्टियों पर है। इसी बीच उद्धव ठाकरे के एक बयान ने गठबंधन में सबकुछ ठीक ना होने के कयासों को और बल दे दिया है। उन्होंने कहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन टूटना नहीं चाहिए। शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है। ठाकरे ने यह भी उम्मीद जताई है कि शनिवार तक सीट बंटवारा हो जाएगा।
संजय राउत ने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) में सीट बंटवारा वार्ता पर देरी को लेकर शुक्रवार को निराशा जताई और दावा किया कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई के नेता “फैसले लेने में सक्षम नहीं हैं।” मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में राउत ने कहा कि एमवीए के घटक दलों में महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीट में से 200 पर आम सहमति कायम हो गई है। एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।
राज्यसभा सांसद राउत ने बताया कि उन्होंने सीट बंटवारे पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक तथा महाराष्ट्र के लिए पार्टी प्रभारी रमेश चेन्निथला से शुक्रवार सुबह बात की। उन्होंने कहा कि दिन में वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी बात करेंगे। राउत ने कहा, “लंबित फैसला जल्द लिया जाना चाहिए। बहुत कम समय बचा है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता फैसले लेने में सक्षम नहीं हैं। उन्हें बार-बार सूची दिल्ली भेजनी पड़ती है और फिर चर्चा होती है। जल्द से जल्द निर्णय लेना होगा।”
क्या बोली कांग्रेस
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को कहा कि घटकों के बीच 25 से 30 सीट को लेकर गतिरोध है और पार्टी इकाई इस मुद्दे पर आलाकमान के किसी भी फैसले को स्वीकार करेगी। पटोले ने संवाददाताओं से कहा कि एमवीए में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत गुरुवार को समाप्त हो गई।
ठाकरे ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है और लोगों ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षी एमवीए को सत्ता में लाने का फैसला किया है। र्व मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एमवीए दलों के बीच बातचीत लंबा खिंचने के मद्देनजर आगाह करते हुए कहा, ‘‘सहयोगियों के बीच सौदेबाजी को बातचीत टूटने के कगार तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’