भागलपुर:नवगछिया बाजार के प्रोफेसर कालोनी में बेटी को जमीन लिखने पर आक्रोशित पुत्र ने शुक्रवार शाम पांच बजे मां हीरा देवी (75) पति स्व. गणेश पोद्दार की निर्मम रूप से हत्या कर दी। घर में अकेली मां को उसने साड़ी से हाथ पैर बांध दिया और फिर ब्लेड से हाथ पैर काटने के बाद जगह-जगह काटकर खून निकाला। बायां पैर जला दिया, हाथ, छाती को ब्लेड से काट कर गड्ढा बना दिया। जिससे खून निकल रहा था। खून पर स्याही डालकर उसने छिपाना चाहा। चेहरा बुरी तरह क्षतिग्रस्त था। ऐसा लग रहा था कि ईंट से मुंह को कूच-कूचकर हत्या कर दी गयी हो।
थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर भारत भूषण ने बताया कि घरेलू विवाद में बेटे ने मां की हत्या कर दी है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह मानसिक रूपसे बीमार बताया जा रहा है।
हत्या के बाद आरोपी रघुवीर पोद्दार ने घर के आगे शिवम पान वाले को कहा कि मेहमान को कह दो की मां मर गयी है। उसके बाद आसपास के लोग पहुंचे। पार्षद मुन्ना भगत ने नवगछिया पुलिस को घटना की सूचना दी। सूचना पर नवगछिया थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर भारत भूषण, दारोगा चन्दन कुमार, जूही कुमारी घटनास्थल पर पहुंचे और आरोपी रघुवीर को हिरासत में लिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल भेज गया। गिरफ्तार रघुवीर पोद्दार मानसिक रूप से वर्षों से बीमार चल रहा है।
मृतक महिला के पुत्र डॉ राकेश ने बताया कि चार बजे रघुवीर ने हल्ला किया कि मां मर गयी। मैं बाजार में मेडिकल क्लीनिक चलाता हूं। मेरा दामाद धनिकचन्द भगत जब घर गया तो मां को खून से लथपथ देखकर मुझे घटना की जानकारी दी। मृतक महिला की पतोहू रंजू देवी ने बताया कि मेरी ननद पुनिता देवी अपने पति धनन्जय पोद्दार के साथ एक माह से यही मां के पास रह रही थी। उसने परसो मां से घर की जमीन में से एक कट्ठा जमीन अपने नाम लिखवा लिया था और आज सुबह वह अपने घर चली गयी। उसके जाने के बाद से ही रघुवीर गुस्से में था। वह अक्सर कहता था कि सारा जमीन मेरे पिताजी का है। किसी को लेने नही दूंगा। जमीन लिखने के कारण गुस्से में उसने मां की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
मृतक महिला के पुत्र राकेश और बहू रंजू देवी ने बताया कि महिला को तीन पुत्र डॉ राकेश पोद्दार, सुनील पोद्दार और रघुवीर पोद्दार हैं। सुनील बाहर रहता है। मां अक्सर कहती थी कि सभी जमीन बेटी को लिख देंगे। पांच वर्ष पूर्व भी अस्पताल के सामने की जमीन 23 लाख में बेची थी जिसकी मालकिन बेटी है। उसी पैसे के ब्याज से मां का सारा खर्च चलता था। रघुवीर अक्सर इसका विरोध करता था।
रघुवीर अक्सर बाजार की दुकान और घर पर मारपीट कर हो हंगामा तोड़फोड़ किया करता था। उसने बड़े भाई को भी चाकू मारा था। वह तीन बार जेल गया और तीनों बार सुनील और बहन पुनिता आकर छुड़ाकर चली जाती थी। एक बार जब वह मां को पीट रहा था तो बचने आये मेहमान धनिकचन्द को भी सिर में चोट लगी थी और पांच टाका लगा था। उसके डर से बड़ा भाई घर छोड़कर वार्ड 21 में परिवार लेकर रहता है।