जयपुर:राजस्थान में कोरोना के साथ-साथ स्वाइन फ्लू के आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है। अब तक प्रदेश में 100 से अधिक मामले स्वाइन फ्लू से संक्रमण के सामने आ चुके हैं। साथ ही 9 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। जिसमें सर्वाधिक मामले जयपुर से है। राज्य के स्वाथ्य विभाग के अनुसार अब तक 8 मौतें अकेले एसएमएस अस्पताल से दर्ज की गई है। स्वाइन फ्लू के सर्वाधिक मामले राजधानी जयपुर से देखने को मिले हैं। जयपुर में अब तक 116 मरीज स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो चुके हैं। जबकि अन्य सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में भी हर रोज स्वाइन फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 2 माह में तकरीबन 18 मरीज गंभीर हालत में एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाए जा चुके हैं। जबकि हर दिन 3 से 4 मरीज, जांच में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आ रहे हैं। चिकित्सकों की मानें तो स्वाइन फ्लू से संक्रमित मरीज में तेज बुखार आना, गले में दर्द, सिर दर्द, निमोनिया और नाक बहने जैसे लक्षण दिखाई देते है। दूसरी तरफ राजस्थान में कोरोना के एक्टिव केस 2069 हो गए है। स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल बुलेटिन के अनुसार राजधानी जयपुर में 24 घंटों के दौरान 78 केस मिले हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष प्रदेश में रिकॉर्ड 15000 से अधिक डेंगू से संक्रमित मरीज सामने आए थे। बड़ी संख्या में मरीजों की मौत हुई थी। वहीं इस वर्ष भी अब तक 1336 डेंगू के मामले प्रदेश में सामने आ चुके हैं। वहीं 3 मरीजों की मौत इस बीमारी से हो चुकी है. प्रदेश में सर्वाधिक डेंगू के मामले जयपुर और प्रतापगढ़ जिले से देखने को मिले हैं। जयपुर में डेंगू के अब तक 407 जबकि प्रतापगढ़ में 113 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि मलेरिया से ग्रसित 241 मरीज और चिकनगुनिया के 111 मरीज अभी तक देखने को मिले हैं. चिकित्सकों का मानना है कि आने वाले कुछ दिनों में डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी आ सकती है।
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना ने मौसमी बीमारियों के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों लापरवाही बरतने के निर्देश दिए है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वाइन फ्लू समेत मौसमी बीमारियों को रोकने के लिए कारगर कदम उठा रही है। उन्होंने सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को जांच सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिए है। स्वास्थ्य मंत्री ने जहां स्टाफ की कमी है। वहां पर्याप्त स्टाफ रखने के निर्देश दिए है।