रांची:हिनू पोखर टोली में रास्ता विवाद में हाईकोर्ट से आदेश वापस लेने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रार्थी बसंती कच्छप पर एक लाख का जुर्माना लगाया है। उनके वकील पर भी अदालत ने गंभीर टिप्पणी की और व्यवहार को अनुचित मानते हुए बार कौंसिल के पास मामला भेज दिया है।
जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने पिछले दिनों हिनू पोखर टोली में रास्ता बंद किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची नगर निगम और जिला प्रशासन को बाउंड्री तोड़ कर रास्ता देने का निर्देश दिया था।
सोमवार को रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि प्रार्थी को रास्ता दे दिया गया है। इस बीच पोखर टोली की बसंती कच्छप की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर की गयी। इसमें कहा गया था कि हाईकोर्ट का आदेश उचित नहीं है। वह अपना आदेश वापस ले। जमीन पर प्रार्थी की ओर से दावा किया गया।
इस पर अदालत ने कहा कि इस मामले में पहले दिन से कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वह जमीन का मालिकाना हक( टाइटल सूट) तय नहीं कर रहा है। इसके लिए सभी पक्षों को सक्षम अदालत में जाना चाहिए। रास्ता के मामले पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की है और यह मौलिक अधिकार है। लेकिन प्रार्थी की ओर से बार- बार आदेश वापस लेने का आग्रह किया जा रहा था।
इस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर की ओर प्रार्थी पर एक लाख का जुर्माना लगा दिया। प्रार्थी के वकील के आचरण को अनुकूल नहीं पाते हुए अदालत ने वकील के खिलाफ टिप्पणी करते हुए मामला बार कौंसिल को भेज दिया।
बता दें कि पिछले दिनों प्रशासन द्वारा जमीन की चहारदीवारी तोड़ कर रास्ता दिए जाने के बाद आदिवासी संगठनों ने इसका विरोध किया था। विरोध करने वाले उसे सरना की जमीन बता रहे थे। प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में हिनू चौक को आठ घंटे जाम रखा गया था।