जयपुर:राजस्थान के करौली में मंगलवार को कर्फ्यू जारी रहा। करौली हिंसा को लेकर पीएफआई की चिट्ठी को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)ने आरोप लगाया कि यह हिंसा एक सुनियोजित साजिश थी और यह जिला प्रशासन की नाकामी है। पुलिस ने अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को शक है कि एक निर्दलीय पार्षद की इस हिंसा में भूमिका हो सकती है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद से पार्षद का अता-पता नहीं है।
शनिवार को यह हिंसा उस वक्त भड़की थी जब कुछ असामाजिक तत्वों ने मुस्लिम इलाके से गुजर रही बाइक रैली पर पत्थरबाजी की थी। नव समवत्सर के अवसर पर यह बाइक रैली कुछ हिंदू संगठनों ने निकाली थी। करौली के पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह ने कहा कि अब यहां कानून-व्यवस्था नियंत्रण में है और पूरे मामले की जांच की जा रही है।
इस घटना में पार्षद की भूमिका को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि म्यूनिसिपल बोर्ड में कांग्रेस को सपोर्ट करने वाले पार्षद का नाम एफआईआऱ में है। उन्हें पकड़ने के लिए टीम का गठन किया गया है। शुरुआती जांच में प्रत्यक्षदर्शियों के बयान से यह बात सामने आई है कि किसी ना किसी तरह उनकी भूमिका थी।
इस घटना की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने कहा कि घटना के दिन से अब तक वीडियो फुटेज के आधार पर 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनका यह भी मानना है कि यह पुलिस और जिला प्रशासन की नाकामी है। मुस्लिम संगठनों ने उनसे मुलाकात की थी और आशंका जताई थी कि रैली के दौरान भावनाओं को ठेस पहुंचाया जा सकता है, इसलिए उन्होंने इस रैली के लिए रूट को बदलने की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि इस बार जिस तरह यह रैली निकाली गई वैसा पहले नहीं हुआ है। पिछले दो सालों से कोरोना की वजह से इसका आयोजन नहीं हुआ था। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया कि रैली में यह हमला सुनियोजित था। रैली को जिला प्रशासन की अनुमति थी लेकिन पत्थर, तलवार या डंडे से अचानक जो हमला किया गया वो पहले से तय था। भाजपा नेता ने कहा कि घरों की छत पर पत्थऱ जमा कर रखे गये थे। यह कैसे हो सकता है।
पुलिस और प्रशासन ने इलाके का ड्रोन से सर्वे नहीं किया था। पुलिस ने रैली के रूट का भी सर्वे नहीं किया था। पुलिस 45 मिनट बाद घटनास्थल पर पहुंची। इंटेलिजेंस रिपोर्ट भी नहीं दिये गये थे। राठौड़ ने आरोप लगाया कि सीएम ने उन लोगों को क्लीन चिट दिया है जिन्होंने पत्थरबाजी की है और तलवार लहराए हैं।
इन्हीं की वजह से वहां तनाव बढ़ा था क्योंकि इन लोगों ने आपत्तिजनक स्लोगन का इस्तेमाल किया था।
उन्होंने कहा कि पीएफआई के चीफ ने सीएम और डीजीपी को लेकर खत में आशंका जताई थी कि 2-4 अप्रैल के बीच सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। लेकिन बावजूद इसके कोई एक्शन नहीं लिया गया।
इधर पूर्व सीएम और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा कि गहलोत सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए भाजपा नेताओं पर आरोप लगा रही है, जो कि बिल्कुल गलता है। वसुंधरा राजे ने कहा कि गहलोत सरकार हर रोज विपक्ष पर झूठे आरोप लगाती है ताकि वो अपनी नाकामियों को छिपा सके।