एक ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन को इस साल दुनिया के सबसे गरीब और कमजोर अर्थव्यवस्थाओं वाले 75 विकासशील देशों से रिकॉर्ड 22 बिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 1.83 लाख करोड़ रुपये) का कर्ज वापस मिलने वाला है। यह चीन के लिए अब तक का सबसे बड़ा कर्ज भुगतान होगा।
ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अब विकासशील देशों से कर्ज वसूलने वाला अग्रणी देश बन चुका है। 2010 के दशक में शुरू किए गए बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत चीन ने इन देशों को भारी मात्रा में कर्ज दिया था, और अब वह इनसे वसूली के दौर में प्रवेश कर चुका है।
रिसर्चर रिले ड्यूक द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट के अनुसार, चीन फिलहाल एक दुविधा में है। एक ओर देश की घरेलू अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए उसे कर्जदार देशों से जल्दी पैसा चाहिए, दूसरी ओर उस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक दबाव बढ़ रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2010 में BRI के तहत जब चीन ने ऋण देना शुरू किया था, तब उसने कई देशों को ‘ग्रेस पीरियड’ भी दिया था, जो 2020 के बाद समाप्त होने लगे हैं।
क्या है बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI)?
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा शुरू किया गया BRI एक वैश्विक परियोजना है जिसका उद्देश्य चीन के प्रभाव को बढ़ाना है। इसके तहत चीन ने दर्जनों विकासशील और गरीब देशों को अरबों डॉलर का कर्ज देकर इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाएं शुरू कराईं। हालांकि, इस इनिशिएटिव की आलोचना भी हुई है, क्योंकि चीन पर ‘कर्ज के जाल’ में देशों को फंसाने के आरोप लगे हैं। उदाहरण के तौर पर श्रीलंका का हंबनटोटा पोर्ट, जिसे कर्ज न चुका पाने की स्थिति में चीन ने अपने अधिकार में ले लिया।
पाकिस्तान पर चीन का कर्ज कितना?
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि चीन अपने 9 पड़ोसियों में से 7 देशों — लाओस, पाकिस्तान, मंगोलिया, म्यांमार, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान — का सबसे बड़ा द्विपक्षीय कर्जदाता बन चुका है।
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन से करीब 29 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज लिया हुआ है। पाकिस्तान के कुल विदेशी कर्ज में से लगभग 22% हिस्सा सिर्फ चीन का है। इसके अलावा पाकिस्तान ने विश्व बैंक से 23.55 बिलियन डॉलर और एशियन डेवलपमेंट बैंक से 19.63 बिलियन डॉलर का ऋण लिया है।
चीन ने क्या प्रतिक्रिया दी?
इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए मंगलवार को चीन ने कहा कि यह उसके खिलाफ छवि बिगाड़ने की एक कोशिश है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कुछ मुट्ठीभर देश विकासशील देशों के बीच चीन को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन जब भी किसी विकासशील देश को कर्ज देता है, तो वह सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करता है।
इस रिपोर्ट ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर विकासशील देशों के ऋण, कर्ज-जाल की राजनीति और चीन की भू-राजनीतिक रणनीति को लेकर नई बहस छेड़ दी है।