डेस्क:कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी ने नए जमीन घोटाले का दावा किया है। बीजेपी सांसद लहर सिंह सिरोया ने एक्स पर एक पोस्ट में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, ‘खरगे परिवार कब एयरोस्पेस उद्यमी बन गया जिससे वह केआईएडीबी भूमि के लिए पात्र हो गया? क्या यह सत्ता के दुरुपयोग, भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव के चलते है?’ राज्य सरकार में भारी और मध्यम उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने सोमवार इन आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे राहुल खरगे की ओर से संचालित शैक्षिक ट्रस्ट को एयरोस्पेस पार्क में नियमों के अनुरूप तय मूल्य पर निर्धारित भूखंड आवंटित किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस प्रक्रिया में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया।
एमबी पाटिल ने कहा, ‘राहुल खरगे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) से ग्रेजुएट हैं, जिन्होंने आवंटित भूमि पर एक अनुसंधान और विकास केंद्र स्थापित करने का इरादा व्यक्त किया है। उनके परिवार की विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों में लंबे समय से भागीदारी है।’ मंत्री ने कहा कि कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (KIADB) के मानदंडों के तहत, सीए भूखंडों का उपयोग अनुसंधान एवं विकास केंद्र, उत्कृष्टता केंद्र, तकनीकी संस्थान, कौशल विकास केंद्र, सरकारी कार्यालय, बैंक, अस्पताल, होटल, पेट्रोल पंप, कैंटीन और आवासीय सुविधाएं स्थापित करने के लिए किया जा सकता है।
कांग्रेस का इस पर क्या है तर्क
राज्य सरकार में मंत्री ने बताया कि कोई भी इच्छुक और पात्र व्यक्ति इसके लिए आवेदन कर सकता है। राज्य स्तरीय ‘एकल खिड़की समिति’ की सिफारिशों के बाद आवंटन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहुल खरगे को एयरोस्पेस पार्क में कोई औद्योगिक भूखंड आवंटित नहीं किया गया है, बल्कि तय मूल्य पर अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने के लिए सीए के तहत निर्धारित एक भूखंड आवंटित किया गया है। उन्हें कोई छूट नहीं दी गई है। कथित तौर पर नागरिक सुविधाओं के लिए एससी कोटा के तहत आरक्षित भूमि खरगे परिवार के सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को आवंटित की गई। इसे लेकर भाजपा नेता सिरोया ने आरोप लगाया कि यह आवंटन अवैध और राजनीतिक पक्षपात का सूचक है।