डेस्क:कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले से करवार नौसैनिक अड्डे की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को लीक करने के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, एनआईए की हैदराबाद टीम ने मंगलवार को मुदुगा गांव के वेताना टंडेल और हलावली के अक्षय नाइक को हिरासत में लिया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसी का मानना है कि आरोपियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने हनीट्रैप के जरिए अपने जाल में फंसाया। बताया जा रहा है कि 2023 में एक महिला एजेंट ने फेसबुक के माध्यम से उनसे संपर्क किया और उन्हें नौसैनिक गतिविधियों, युद्धपोतों की आवाजाही और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए उकसाया।
एनआईए ने अगस्त 2024 में तीन लोगों – टंडेल, नाइक और टोडुर गांव के सुनील – से इस संदिग्ध जासूसी मामले में पूछताछ की थी। हालांकि, शुरुआती जांच के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था, लेकिन एजेंसी उनकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने करवार नौसैनिक अड्डे की तस्वीरें और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां कथित रूप से पाकिस्तान को भेजी थीं। बदले में, उन्हें आठ महीनों तक हर महीने 5,000 रुपये की राशि मिली।
यह जासूसी नेटवर्क 2023 में हैदराबाद से दीपक और अन्य व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद उजागर हुआ। जांच एजेंसियों ने वित्तीय लेन-देन का सुराग लगाकर इस गिरोह से जुड़े संदिग्धों तक पहुंच बनाई। टंडेल और नाइक करवार के चंद्या क्षेत्र में स्थित आयरन एंड मर्करी कंपनी में ठेका कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे, जबकि सुनील पहले सीबर्ड नौसैनिक अड्डे की कैंटीन में ठेका कर्मचारी था और अब ड्राइवर के रूप में काम कर रहा है।
एनआईए आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है और उनके संपर्कों की जांच में जुटी है। अधिकारियों ने सीबर्ड नौसैनिक अड्डे के अधिकारियों के साथ भी चर्चा की है। जांच एजेंसी को संदेह है कि इस जासूसी नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, इसलिए जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
गौरतलब है कि आईएनएस कदंबा, जिसे करवार नौसैनिक अड्डा या प्रोजेक्ट सीबर्ड भी कहा जाता है, भारतीय नौसेना का एक प्रमुख बेस है। यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा है और विस्तार के बाद पूर्वी गोलार्ध का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा बनने की संभावना है।