डेस्क:माता वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर कटरा में 72 घंटे का बंद शुरू हो गया है, जिसमें स्थानीय दुकानदारों, पोनी वालों और अन्य व्यापारियों ने भाग लिया। यह बंद श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति द्वारा आयोजित किया गया जो रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रोपवे प्रोजेक्ट स्थानीय व्यापार और रोजगार को खत्म कर देगा। इस बंद के कारण माता वैष्णो देवी का दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है रोपवे प्रोजेक्ट?
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने पिछले महीने 250 करोड़ रुपये की लागत से इस रोपवे परियोजना की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य 13 किलोमीटर लंबा पैदल सफर तय करने में असमर्थ बुजुर्गों, बच्चों और उन तीर्थयात्रियों को ताराकोटे मार्ग को संजी छत से जोड़ना हैं, जो म।
हालांकि, संघर्ष समिति और स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह परियोजना उनकी आजीविका के लिए खतरा है। स्थानीय मजदूर, दुकानदार और सेवा प्रदाता तीर्थयात्रियों के पारंपरिक मार्ग पर निर्भर हैं, उनका दावा है कि इस परियोजना के कारण बेरोजगार हो सकते हैं।
प्रदर्शन में बढ़ा तनाव, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे कटरा में तनाव बढ़ गया। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए कटरा में फ्लैग मार्च भी किया गया। तीर्थयात्रा के दौरान रेस्तरां बंद होने और स्थानीय परिवहन ठप होने के कारण तीर्थयात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक तीर्थयात्री ने कहा, “हम यहां भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। इस तीन दिन के बंद में हम कहां खाएं और कहां आराम करें?”
मेरठ से आई तीर्थयात्री अरुणा ने कहा, “यह रोपवे बुजुर्गों और बीमारों के लिए मददगार साबित होगा। सुविधाएं होनी चाहिए, लेकिन विरोध के कारण यहां दिक्कतें हो रही हैं।” वहीं, स्थानीय भाजपा और कांग्रेस इकाइयों ने बंद को समर्थन दिया है। हालांकि, अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए समय मांगा था लेकिन संघर्ष समिति के अनुसार यह महज समय बिताने की कोशिश लग रही है।