डेस्क:हरियाणा विधानसभा चुनाव के रुझानों में कांग्रेस को बुरी हार मिली है। कई सीटों के तो फाइनल नतीजे भी आने लगे हैं। ऐसे में यह आंकड़ा बदलता नहीं दिख रहा है। अब तक 47 सीटों पर भाजपा आगे है, जबकि कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है। इस तरह भाजपा ने अपना वर्चस्व हरियाणा में कायम रखा है। इन रुझानों के बीच भूपिंदर सिंह हुड्डा सामने आए तो उनका चेहरा ढला हुआ था। वहीं अब कुमारी सैलजा का बयान भी इन रुझानों को लेकर सामने आया है। उन्होंने माना है कि यह नतीजा हैरान करने वाला है और इसके लिए उन्होंने मंथन करने की बात कही है।
कुमारी सैलजा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘बिलकुल गलती हुई है। कहां हम 60 की बात कर रहे थे और अब लग रहा कि हम संघर्ष कर रहे हैं। कुछ सीटें अब भी कांटे पर चल रही हैं। फाइनल रिजल्ट तक हम इंतजार करेंगे। देखना होगा कि क्या हुआ है। हमसे चूक हुई है या फिर भाजपा ने खेल किया है। मंथन करेंगे कि हम जीत क्यों नहीं पाए।’क्या दलित समाज के बीच आपको लेकर जो संदेश गया उसका नतीजा है। इस पर कुमारी सैलजा ने कहा कि बहुत सी चीजें होती हैं। यह तो सच्चाई है कि मैं लड़ना चाहती थी। लेकिन व्यक्तिगत बातों से बचना चाहिए। फिर भी हमें यह देखना चाहिए कि आखिर राज्य में हमें कैसे झटका लगा और हम जीत नहीं पाए।
दरअसल कुमारी सैलजा का यह बयान भूपिंदर सिंह हुड्डा के लिए एक संकेत था कि उन्हें नजरअंदाज करने या फिर किनारे लगाने के चलते ऐसा हुआ है। सैलजा ने कहा कि यह तो साफ है कि मैं चुनाव में उतरना चाहती थी। लेकिन मौका नहीं मिला। इस तरह कुमारी सैलजा ने इशारों में ही सही, लेकिन नतीजों में पिछड़ने पर भूपिंदर सिंह हुड्डा और उनके खेमे के मजबूत होने पर तंज कसा। दरअसल कुमारी सैलजा खुद को सीएम फेस के तौर पर पेश कर रही थीं। उनका कहना था कि हरियाणा में कभी दलित सीएम नहीं रहा है। इसलिए उन्हें भी मौका मिलना चाहिए। हालांकि हुड्डा ही हावी दिखे और उनके ही कहने पर पार्टी ने 72 टिकट बांटे।