डेस्क:महाकुंभ के मौके पर एक तरफ प्रयागराज के साथ धर्मनगरी बनारस (वाराणसी) में भी गंगा किनारे के घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक जुट रहे हैं। उनमें से कई नौका विहार भी कर रहे हैं। दूसरी तरफ नाविकों ने सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी है। माझी समाज ने गिरफ्तार साथियों की रिहाई तक नाव संचालन ठप रखने का ऐलान किया है। यह निर्णय सोमवार को माझी समाज ने हड़ताल के पहले दिन दशाश्वमेध घाट पर हुई बैठक में लिया। इस दौरान समाज के लोगों ने जिला प्रशासन से जब्त नावें भी अविलंब छोड़ने की मांग की। दरअसल, मान मंदिर घाट के सामने शुक्रवार को दो नावों की टक्कर में 18 दर्शनार्थियों से भरी नाव पलट गई थी। जलकल पुलिस औऱ एनडीआरएफ ने नाविकों की मदद से सभी को सकुशल निकाल लिया लेकिन दूसरे दिन शनिवार को जल पुलिस ने अभियान चलाकर 25 सवारी से कम क्षमता वाली प्रतिबंधित नावें जब्त कर 13 नाविकों का चालान कर दिया। इसके विरोध में रविवार को नाविकों ने हड़ताल का ऐलान किया था। सोमवार से हड़ताल शुरू भी कर दी।
माझी समाज ने कहा है कि गिरफ्तार साथियों की रिहाई होने तक हड़ताल जारी रहेगी। समाज के नेता प्रमोद माझी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में यह तय किया गया कि प्रशासन के उत्पीड़न के खिलाफ उनकी लड़ाई न्याय मिलने तक जारी रहेगी। वक्ताओं ने कहा कि बीते दिनों हमारी नावों को ओवरलोड बताकर जब्त करने के साथ समाज के 13 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। एक तरफ हमें ललिता घाट से सवारी बैठाने से रोका जा रहा है दूसरी तरफ उसी घाट से क्रूज में सवारियों को भरा जा रहा है। यह जिला प्रशासन की वादाखिलाफी है। हमारे परंपरागत पेशे पर कुठाराघात किया जा रहा है।
बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ कि महाकुम्भ से लौटने वाली भीड़ बहुत ज्यादा है ऐसे में नौकाओं के परिचालन का समय रात आठ से बढ़ा कर रात दस बजे तक किया जाए। मांगें स्वीकार होने तक नाव संचालन बंद रहेगा। दशाश्वमेध घाट पर हुई बैठक में राकेश साहनी, पप्पू साहनी, लक्ष्मण माझी, तन्ना निषाद, दुर्गा साहनी, भरत माझी, रमेश निषाद, प्रदीप साहनी, दीपू निषाद, शम्भू निषाद, मोनू साहनी, बसंत साहनी, विश्वकर्मा साहनी, सच्चेलाल, दौलत साहनी, नंदकिशोर केवट, बबलू साहनी, नारायण माझी, अजीत साहनी आदि ने विचार व्यक्त किए।
नाविक क्यों हुए गिरफ्तार?
शुक्रवार को नाव दुर्घटना के बाद 25 सवारियों से कम क्षमता वाली नावों पर प्रतिबंधित लगा दिया गया था। सुरक्षा मानकों पालन के लिए भी सख्त हिदायत दी गई थी। प्रतिबंध के बावजूद कई छोटी नावें चलती रहीं। दशाश्वमेध घाट, जहां पर जल पुलिस आफिस है, वहां तो असर दिखा लेकिन आसपास के घाटों पर नाविक उसी तरह से लोगों को बैठाकर चलते रहे। शनिवार को पुलिस ने जोर-शोर से अभियान चलाकर कार्रवाई की।
पुलिस ने 25 यात्री से कम क्षमता वाली नावों को चलाने वाले 13 नाविकों को जेल भेज दिया। सभी को 13-13 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। दशाश्वमेध थाना प्रभारी योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि जिन नाविकों पर कार्रवाई हुई है, उनमें भोला साहनी, राधे श्याम, बाबू, शोभनाथ, मोनू, बड़कू, कृष, अजीत, करन, आलोक, आशीष, बबलू और अर्जुन शामिल हैं।