दुमका:झारखंड के दुमका में 17 वर्षीया लड़की ने साहस और समझदारी का परिचय देते हुए नाबालिग उम्र में दुल्हन बनाकर ससुराल भेजने के अपने माता पिता के मनसूबे को नाकाम कर दिया। घटना जरमुंडी प्रखंड के कैराबनी गांव की है। बच्ची के साहस और प्रशासन की पहल से उसके मां बाप ने बालिग होने के बाद शादी की बात कबूल कर लिया है।
जिले के जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र के केराबनी गांव में अभिभावकों ने 17 वर्षीया प्रियंका बाल विवाह तय कर दिया था। लेकिन बच्ची बाल विवाह नहीं करना चाहती थी। इस मामले की जानकारी चाइल्ड लाइन को मिल गई। मामले में संज्ञान लेते हुए चाइल्डलाइन दुमका के पदाधिकारी जरमुंडी बीडीओ फुलेश्वर मुर्मू एवं जरमुंडी थाना पुलिस के साथ उसके घर पहुंच गए और अभिभावकों को समझा-बुझाकर बाल विवाह को रोक दिया। जरमुंडी बीडीओ ने कहा कि बाल विवाह करना अपराध है। इस मामले में विधि सम्मत धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है। स्थिति को देखते हुए प्रियंका के अभिभावकों ने बालिग होने पर ही विवाह करने की सहमति जताई। नाबालिग प्रियंका के इस साहसिक प्रयास की चारो ओर प्रशंसा की जा रही है।
जिले के जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कैराबनी गांव निवासी पप्पू मांझी और मां आशा देवी ने 17 वर्षीय प्रियंका कुमारी की शादी तय कर दी थी। अगले माह शादी होने वाली थी। प्रियंका ने इस शादी के लिए मना कर दिया क्योंकि वह अभी शादी नहीं करना चाहती थी। लेकिन अभिभावकों की जिद के आगे उसका प्रयास विफल रहा। इसी बीच प्रियंका को चाइल्ड लाइन का नि:शुल्क नंबर 1098 मिल गया। प्रियंका ने चाइल्ड लाइन में सूचना देकर बाल विवाह रुकवाने की गुहार लगाई। मामले को गंभीरता से लेते हुए चाइल्डलाइन दुमका के केंद्र समन्वयक मधुसूदन सिंह ने तत्काल बीडीओ सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, बाल कल्याण समिति व जरमुंडी थाना प्रभारी को पत्र भेजकर तत्काल कार्रवाई करने की बात कही। जरमुंडी बीडीओ फुलेश्वर मुर्मू, जरमुंडी थाना के एसआई अनुज सिंह सदल-बल के साथ गांव पहुंचे। गांव पहुंचकर पदाधिकारियों ने प्रियंका के माता पिता को समझाया और शादी रोक दिया।