डेस्क:केंद्र सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं जिसके तहत सरकार लोन बांटती है। इसमें पीएम विश्वकर्मा और पीएम स्वनिधि योजनाएं भी हैं। विश्वकर्मा योजना के तहत अलग-अलग कैटेगरी के लोगों को 3 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। वहीं, पीएम स्वनिधि के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को 50 हजार रुपये के लोन दिए जाने का प्रावधान है। पीएम स्वनिधि की खास बात ये है कि इसमें लाभार्थी को पहले 10 हजार रुपये का लोन दिया जाता है। इसके बाद लोन री-पेमेंट की स्थिति के हिसाब से रकम बढ़ाई जाती है। आइए पीएम स्वनिधि स्कीम की खास बातें जान लेते हैं।
2020 में हुई थी शुरुआत
कोविड के दौरान आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों को कोविड-19 महामारी में बुरी तरह प्रभावित हो चुके उनके व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिए बिना किसी गारंटी के वर्किंग कैपिटल लोन की सुविधा देना है।
50 हजार रुपये के लोन का इंतजाम
एक वर्ष की अवधि के लिए बिना किसी गारंटी के 10,000 रुपये तक के लोन की सुविधा है। समय पर इस लोन का री-पेमेंट करने पर 20,000 रुपये लोन की दूसरी और 50,000 रुपये लोन की तीसरी किस्त मुहैया कराई जाती है। वहीं, प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी के माध्यम से नियमित री-पेमेंट को प्रोत्साहित किया जाता है। बता दें कि प्रति वर्ष 1,200 रुपये तक कैशबैक दिया जाता है।
योजना ब्याज दर की बात करें तो कॉमर्शियल बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), लघु वित्त बैंकों (एसएफबी), सहकारी बैंकों एसएचजी बैंकों के मामले में रियायती है। एनबीएफसी, एनबीएफसी-एमएफआई आदि के मामले में संबंधित ऋणदाता श्रेणी के लिए RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार ब्याज दरें होंगी।