ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए ज्योतिष में रत्न, मंत्र और तंत्र का उल्लेख मिलता है। जिसमें 9 ग्रहों से संबंधित नवरत्नों का वर्णन किया है। लेकिन हम यहां बात करने जा रहे हैं खूनी नीलम के बारे में, जो एक रत्न 2 ग्रहों का प्रतिनिधित्व करता है। आपको बता दें कि खूनी नीलम मंंगल और शनि की युति के लिए धारण किया जाता है। यह रत्न मंगल और शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। आइये जानते हैं खूनी नीलम पहनने के फायदे और इसे कैसे धारण करना चाहिए…
ऐसा होता है खूनी नीलम और लाभ
खूनी नीलम में गुलाबी या खून जैसे लाल रंग के धब्बे होते हैं, उसे ही खूनी नीलम कहा जाता है। खूनी नीलम को रक्तांबरी नीलम भी कहा जाता है। मान्यता है कि खूनी नीलम तुंरत अपना असर डालता है। इसलिए इसे कुंडली का विश्लेषण करने के बाद ही धारण करना चाहिए। खूनी नीलम पहनने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। साथ ही व्यापार में सफलता मिलती है। नीलम धारण करने से व्यक्ति की कार्यशैली में निखार आता है। साथ ही उसके सोचने की क्षमता का विकास होता है।
- ये लोग कर सकते हैं खूनी नीलम धारण
यदि आपकी कुंडली में वृश्चिक लग्न और मकर राशि हो और मंगल ग्रह छठे आठवें या बारहवें स्थान में हो खूनी नीलम पहन सकते हैं। - वहीं मेष राशि और मकर लग्न हो शनि में मंगल की अंतर्दशा चल रही हो तब भी खूनी नीलम धारण कर सकते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति की वृषभ लग्न और वृश्चिक राशि हो या वृषभ लग्न और मेष राशि हो तब भी खूनी नीलम सकते हैं।
- जन्मकुंडली में मेष लग्न और मेष राशि हो मंगल कमजोर हो और शनि अच्छे भावों में स्थित हो तब भी खूनी नीलम धारण कर सकते हैं।
- मकर लग्न और मकर ही राशि हो मंगल चौथे 8 में 12वें घर में विराजमान हो और शनि इन स्थानों में ना हो, तब भी खूनी नीलम धारण किया जा सकता है।
- यदि मंगल और शनि दोनों जन्मकुंडली में उच्च के स्थित हों तब भी खूनी नीलम धारण कर सकते हैं।
इस विधि से करें धारण
खूनी नीलम को बाजार से कम से कम 5 से सवा 7 रत्ती का खरीदना चाहिए। साथ ही खूनी नीलम को पंच धातु में जड़वाकर धारण करना चाहिए। इसे बाएं या दाएं हाथ की बीच की उंगली (मध्यमा) में पहना जाता है। इसे पहनने के लिए किसी भी महीने के कृष्ण पक्ष का शनिवार शाम का समय अच्छा रहेगा।