डेस्क:मणिपुर में हिंसा को रोक पाने में विफलता के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगा दिया है। इस फैसले के बाद उग्रवादी संगठनों के कम से कम 12 सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से सात कुकी नेशनल आर्मी (KNA) से जुड़े हैं। इन संगठनों ने सरकार के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) समझौते पर साइन भी किए थे। मणिपुर में करीब 32 उग्रवादी संगठन ऐक्टिव हैं। इनमें से 25 ने सरकार के साथ समझौता किया था।
3 मई को हिंसा शुरू होने से दो महीने पहले ही मणिपुर सरकार ने कुकी नेशनल आर्मी और जोमी रेवोलूशनरी फ्रंट के साथ समझौता खत्म कर दिया गया था। उनपर अवैध रूप से जंगल पर कब्जा करने वालों के समर्थन में प्रदर्शन करने का आरोप था। इसके बाद उनके बीच समझौते को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया। वहीं पहले वाला समझौता फरवरी 2024 में ही खत्म हो गया था।
शनिवार को जारी बयान में मणिपुर पुलि ने बताया कि केएनए के सात उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा ओल्ड खाउकुआल इलाके में गश्ती की जा रही है। उग्रवादियों की पहचान शेखोगिन हाओकिव उर्फ गिगिन, नगामलेंनांग माते उर्फ मांगनियो, सेलमांग, थांगलमांग हाओकिप उर्फ मांगबोई, जमखोसेई उर्फ सेइपू के तौर पर हुई है। उनके पास से एके 47 राइफलें, 7.62 असॉल्ट राइफल, तीन सिंगल बोर राइफल, 10 एके-47 मैगजीन, 654 जिंदा कारतूस, 19 कार्ट्रिजेज मिली हैं।
मणिपुर पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने कई अन्य जगहों से भी बड़ी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किए हैं। इनमें एसएलआर और इनसास तक शामिल हैं। इंडो-म्यांमार बॉर्डर पिलर नंबर 73 और 74 के पास से भी बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए। शनिवार को पुलिस ने दो महिला उग्रवादियों को भी गिरफ्तार किया जो कि अंडरग्राउंड संगठन कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी पीपल्स वॉर ग्रुप से जुड़ी हुई थीं। पुलिस ने कहा कि वे उगाही और हथियारों को भेजने का काम करती थीं।