डेस्क:देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र माता वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाले दान में ऐतिहासिक बढ़ोतरी देखी गई है। कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबरने के बाद मंदिर को मिलने वाले चढ़ावे में जबरदस्त उछाल आया है। बीते पांच वर्षों में दान की राशि ₹171.90 करोड़ तक पहुंच गई, जो 2020-21 में केवल ₹63.85 करोड़ थी। इसके साथ ही सोने और चांदी के चढ़ावे में भी जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है।
दान में पांच वर्षों में दोगुनी से अधिक वृद्धि
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा RTI के जवाब में दी गई जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 (जनवरी तक) मंदिर को श्रद्धालुओं से ₹171.90 करोड़ का दान प्राप्त हुआ। 2020-21 में यह राशि केवल ₹63.85 करोड़ थी।
सोने और चांदी के चढ़ावे में ऐतिहासिक इजाफा
श्राइन बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, सोने के चढ़ावे में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
- 2020-21 में 9.07 किलोग्राम सोना चढ़ाया गया, जबकि
- 2024-25 (जनवरी तक) यह बढ़कर 27.71 किलोग्राम हो गया।
इसी तरह, चांदी के दान में भी भारी इजाफा देखने को मिला:
- 2020-21 में 753.63 किलोग्राम चांदी चढ़ाई गई, जबकि
- 2024-25 (जनवरी तक) यह बढ़कर 3,424.53 किलोग्राम हो गई।
श्रद्धालुओं की संख्या में भी जबरदस्त वृद्धि
कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में मंदिर पांच महीने के लिए बंद रहा था, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या तीन दशकों में सबसे कम 17.20 लाख रह गई थी। लेकिन इसके बाद श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की गई:
- 2021 – 55.88 लाख
- 2022 – 91.25 लाख
- 2023 – 95.22 लाख
- 2024 – 94.84 लाख (जनवरी तक)
दान का उपयोग कैसे किया जाता है?
श्राइन बोर्ड के अनुसार, श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए सोने और चांदी को पहले शुद्ध किया जाता है और उसकी सही कीमत तय की जाती है। इसके बाद, इस धातु को सिक्कों में ढालकर मंदिर की स्मारिका दुकानों में बिक्री के लिए रखा जाता है।
माता वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों की आस्था हर साल नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है, जिससे यह साफ होता है कि यह धार्मिक स्थल न केवल श्रद्धालुओं के विश्वास का केंद्र बना हुआ है, बल्कि इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।