डेस्क:बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने साल-2023 में अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाया था। हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने आकाश आनंद को अपरिपक्व बताते हुए उनके पद से हटा दिया था। लेकिन 47 दिन बाद ही जून 2024 में मायावती ने बसपा की राष्ट्रीय कार्रकारिणी की बैठक में एक बार फिर आकाश आनंद को आशीर्वाद दे दिया था। तबसे माना जा रहा था कि आकाश आनंद बसपा में उनके उत्तराधिकारी होंगे लेकिन अब मायावती ने एक बार फिर जता दिया है कि वह आकाश आनंद को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। उन्होंने एक के बाद एक 5 पोस्ट किए। इसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनका वास्तविक उत्तराधिकारी कौन होगा? उन्होंने उत्तराधिकारी को लेकर ऐलान के साथ ही कई दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मायावती ने लिखा कि बसपा में स्वार्थ, रिश्ते-नाते महत्वहीन हैं। बहुजन का हित सर्वोपरि है।
मायावती ने लिखा- ‘ बीएसपी, देश में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवाँ को सत्ता तक पहुँचाने हेतु, मान्यवर श्री कांशीराम जी द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेन्ट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन अर्थात बहुजन-हित सर्वोपरि है।’ उन्होंने आगे लिखा- ‘इसी क्रम में मान्यवर श्री कांशीराम जी की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देेकर संघर्ष जारी रखूंगी ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें।’
बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा कि अतः मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरे जीतेजी भी पार्टी व मूवमेन्ट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी जब वह भी, श्री कांशीराम जी के अन्तिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट को हर दुःख-तकलीफ उठाकर, उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे। उन्होंने लिखा कि इसके साथ ही, देश भर में बीएसपी के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी प्रमुख द्वारा निर्देश, निर्धारित अनुशासन एवं दायित्व के प्रति पूरी निष्ठा व ईमानदारी से जवाबदेह होकर पूरे तन, मन, धन से लगातार काम करते रहना ज़रूरी है।
लगातार ऐक्शन में मायावती
बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती पिछले कुछ दिनों से लगातार ऐक्शन में है। 15 फरवरी को ही उन्होंने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। उन पर पार्टी में गुटबाजी का आरोप लगा था। इसी दिन अशोक सिद्धार्थ के करीबी माने जाने वाले नितिन सिंह को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया था।