डेस्क:बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राह भाजपा सरकार पर चल रही है। गरीबों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। भाजपा सरकार ने सिर्फ वादे किए। आर्थिक नीतियों पर हवा-हवाई दावे किए जा रहा रहे हैं।
मायावती ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ वादे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। भाजपा सरकार ने कई वादे किए थे, लेकिन गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। सरकार पर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि यूपी को ग्रोथ इंजन बताने के झूठे दावे किए जा रहे हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है। ये किसी से छिपा नहीं है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सरकार केवल अमीरों को और अमीर बनाने में जुटी है, जबकि गरीबों और दलितों के लिए कोई ठोस काम नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चंद धनकुबेरों के हित में काम कर रही है, जबकि आम जनता बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी बाबा साहेब आंबेडकर के सिद्धांतों पर चलते हुए दलितों के उत्थान के लिए समर्पित है।
मायावती ने आगे कहा कि सपा और कांग्रेस की तरह भाजपा सरकार द्वारा भी बाबा साहब समग्र योजना आदि योजनाओं को निष्क्रिय बना देने के कारण अब ग्रामीण गरीब परिवारों का विकास प्रभावित हो गया है। बसपा सरकार ने इस योजनाओं को भरपूर धन देकर लोगों के जीवन में सुधार लाया था। गरीबों को बसाने के बजाय उनके घर उजाड़ने में लगी हुई है, जिससे ग्रामीण परिवारों का विकास ठप हो गया है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें बजट में बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन उन पर 50% भी अमल नहीं होता। उन्होंने कानून और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी ही नहीं, बल्कि पूरे देश में धर्म विशेष के लोगों को टारगेट किया जा रहा है। दलितों, पिछड़ों और गरीबों के खिलाफ हैं लगातार अन्याय हो रहा है। मायावती ने कहा कि जो दबे कुचले दलित, पिछड़े और आदिवासियों के साथ अन्याय हो रहा है। इनके हित के लिए बजट में रखा जाता है, लेकिन वह पूरा पैसा उनके डेवलपमेंट में नहीं लगता है। अंत में उनका पैसा दूसरे मदों में खर्च कर दिया जाता है। इस मुद्दे को संसद में रहने के दौरान सरकार के सामने उठाया था। लेकिन फिर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।