डेस्क:केरल में कन्नूर की एक पॉक्सो अदालत ने मदरसा टीचर को 187 साल कैद की सजा सुनाई है। मदरसे में पढ़ाने वाले मौलवी पर 13 साल की नाबिलग के यौन शोषण का आरोप है। कोविड लॉकडाउन के दौरान 41 साल के आरोपी मोहम्मद रफी ने छात्रा के साथ बार-बार रेप किया। वहीं इससे पहले 2018 में भी उसपर रेप के आरोप लगे थे। इस मामले में वह पहले से ही सजा काट रहा है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक वकील ने बताया कि 13 साल की बच्ची मदरसा पढ़ने जाती थी। कुछ दिनों से उसका व्यवहार बदल रहा था। उसके मां-बाप को चिंता होने लगी। बच्ची पढ़ाई में भी ध्यान नहीं लगा पा रही थी। माता-पिता जब उसे लेकर काउंसलर के पास पहुंचे तो बच्ची ने सारी बातें सच-सच बता दीं। उसने बताया कि मदरसे का मौलवी उसका यौन शोषण करता था।
जानकारी के मुताबिक बार-बार अपराध करने की वजह से पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी टीचर को इतनी लंबी सजा सुना दी। पॉक्सो कानून की धारा 5 (T) के तहत उसे पांच लाख के जुर्माने और पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा धारा 5 (F) के तहत भरोसा तोड़ने के दोष में 35 साल की जेल और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। बार-बार यौन हमला करने के लिए 35 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
इसके अलावा ओरल सेक्स जैसे आरोपों के चलते 20-20 साल की सजा और 50-50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं आईपीसी की धारा 376 (3) के तहत नाबालिक से रेप के आरोप में एक लाख रुपये जुर्माना और 25 साल की सजा सुनाई गई है। आपराधिक धमकी देने के लिए भी उसे सजा सुनाई गई है। इसमें कई सजाएं साथ में चलेंगी। ऐसे में रफी को अधिकतम 50 साल की जेल काटनी पड़ सकती है। आरोप है कि मौलवी छात्रा को जबरन डरा-धमकाकर दूसरे कमरे में ले जाता था और रेप करता था। आरोपी शादीशुदा था लेकिन उसके व्यवहार से तंग आकर पत्नी ने भी तलाक ले लिया था।