डेस्क: भारत के रक्षा क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है और शुक्रवार को इस दिशा में एक और बड़ी खबर सामने आई है। पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने इजरायल की हेवेन ड्रोन्स लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइंट वेंचर) स्थापित करने के लिए समझौता किया है। इस समझौते के तहत भारत में एक सहायक कंपनी बनाई जाएगी, जो रक्षा और नागरिक दोनों क्षेत्रों के लिए लॉजिस्टिक और कार्गो ड्रोन का निर्माण करेगी।
कंपनी का ढांचा कैसा होगा?
इस नई कंपनी का नाम Paras Heven Advanced Drones Private Limited रखा जाएगा। इसे 1 लाख रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ पंजीकृत किया जाएगा। इस कंपनी में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी पारस डिफेंस की होगी, जबकि 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हेवेन ड्रोन्स की होगी।
यह ज्वाइंट वेंचर ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूत करेगा और देश में ड्रोन उत्पादन की क्षमता को बढ़ावा देगा। दोनों कंपनियों के बोर्ड में बराबर संख्या में निदेशक होंगे, हर कंपनी से दो-दो डायरेक्टर नियुक्त किए जाएंगे। पारस डिफेंस ने स्पष्ट किया है कि इजरायली कंपनी में उसका कोई हिस्सा नहीं होगा।
शेयर बाजार में कंपनी का प्रदर्शन
शुक्रवार को पारस डिफेंस के शेयर बीएसई पर 1.23 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1637.10 रुपये पर बंद हुए। पिछले तीन महीनों में कंपनी के शेयरों में 62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि एक साल के दौरान यह तेजी 110 प्रतिशत रही है। कंपनी का 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर 1943.60 रुपये और न्यूनतम स्तर 743.45 रुपये रहा है। पारस डिफेंस का बाजार पूंजीकरण लगभग 6534.22 करोड़ रुपये है।
पिछले तीन वर्षों में इस कंपनी ने निवेशकों को 165 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
(यह जानकारी निवेश सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों से जुड़ा होता है। किसी भी निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।)