भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी का कहना है कि बेहतर लोकतंत्र के लिए कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस छोड़ने वालों को भी पार्टी की विचारधारा को मानने की बात कही। इस दौरान गडकरी ने राजनीति में क्षेत्रीय पार्टियों की बढ़ती भागीदारी पर भी चर्चा की। हाल ही में कांग्रेस ने पंजाब में भी सत्ता गंवा दी है। विधानसभा चुनाव 2020 में पार्टी 117 में से केवल 18 सीटें हासिल कर सकी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार को पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा कि कांग्रेस का कमजोर होने से उसकी जगह क्षेत्रीय पार्टियों ने ले ली है, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे चाहते हैं कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो जाए। फिलहाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ही कांग्रेस सरकार है।
उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र दो पहियों पर चलता है- सत्ता पक्ष और विपक्ष। एक मजबूत विपक्ष लोकतंत्र की जरूरत है। इसलिए मेरी इच्छा है कि कांग्रेस को मजबूत होना चाहिए। साथ ही कांग्रेस के कमजोर होने से उसकी जगह क्षेत्रीय दलों ने ले ली है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।’ कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने पुणे मेट्रो डीपीआर को लेकर भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘जो भी कांग्रेस विचारधारा का पालन करते हैं, उन्हें पार्टी में रहना चाहिए और अपने सिद्धांतों पर भरोसा करना चाहिए। 1978-80 में मैं भाजपा में शामिल हुआ और पार्टी अधिवेशन में भाग लेने के लिए पुणे आया था। जब मैं कंधों पर प्रचार सामग्री लेकर रेलवे स्टेशन पर उतरा, तो श्रीकांत जिचकर से टकरा गया, जिन्होंने मुझे सलाह दी कि मुझे ‘अच्छी पार्टी’ में जाना चाहिए, जो मुझे भविष्य दे।’
गडकरी ने आगे कहा, ‘मैंने उन्हें बताया कि कुएं में कूद कर मर जाऊंगा, लेकिन अपनी विचारधारा नहीं छोड़ूंगा। उस समय लोकसभा में भाजपा के केवल दो सांसद थे। लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रयासों से समय बदला और हमें प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी मिले। तो व्यक्ति को निराशा के समय में अपनी विचारधारा नहीं छोड़नी चाहिए।’