डेस्क:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय बिहार दौरे को महागठबंधन ने फ्लॉप करार दिया है। पीएम मोदी की बिहार यात्रा पर सवाल भी खड़े किए। शुक्रवार को प्रदेश राजद कार्यालय में महागठबंधन के तमाम घटक दलों के नेताओं ने एक सुर में कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों को रोजी-रोजगार देने के बारे में कुछ नहीं कहा। राजद के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता सह सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 65 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की बात नहीं की। आरक्षण में 16 प्रतिशत की हकमारी की जा रही है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज की बात नहीं की।
वहीं बैठक में शामिल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा है कि विक्रमगंज में पीएम मोदी की सभा में भीड़ नहीं जुटी, उनका दौरा असफल रहा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के जुमलों में बिहार की जनता आने वाली नहीं है, उनके झूठे वादों और फरेबी जुमलों में अब कोई फंसने वाला नहीं है। शाहाबाद से एनडीए का सूपड़ा साफ हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी व्यवस्था पर भीड़ बुलाने की उनकी कवायद भी फेल हो गई।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर सवाल पूछे हैं। उन्होने कहा कि बिहार का दौरा कर 2015 से चली आ रही परियोजनाओं और घोषणाओं का अनेकों बार शिलान्यास और उद्घाटन कर उसी को दोहरा रहे हैं। 2015 से यही सिलसिला चलता आ रहा है, लेकिन बिहारी इस तरह के झांसे में नहीं आने वाले हैं। लोगों को पता है कि कौन सही बोल रहा है और कौन गलत।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में 20 वर्षों की एनडीए सरकार में रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी, गरीबी और पलायन है। नीति आयोग के अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग क्षेत्र में बिहार सबसे फिसड्डी है। विधि व्यवस्था की स्थिति खराब है। बिहार की प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति निवेश देश में सबसे कम है। विकास और प्रगति के अधिकतर मानकों में देश में बिहार सबसे नीचे है, लेकिन बिहार की एनडीए सरकार और 11 वर्षों की केंद्र सरकार जनहित के इन ज्वलंत मुद्दों पर कभी चर्चा ही नहीं करती है।