मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का शाही स्नान होगा। अगर आप भी कुंभ में इस दिन स्नान करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि महाकुंभ में स्नान करने से पहले आचमन कैसे करना है और कितनी बार डुबकी लगानी है और किसके नाम की डुबकी लगानी है, इसके बारे में जानना चाहिए। महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं, तो सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए। सबसे पहले संत स्नान करते हैं और फिर आमजन को स्नान करना चाहिए। स्नान करने से पहले आचमन करना चाहिए।
कैसे करें आचमन
ऐसा कहा जाता है कि ऐसे आचमन करने से पूजा का फल बहुत अधिक मिलता है।आचमन द्वारा आपके शरीर की शुद्धि होती है।आचमन हमेशा 3 बार करना चाहिए। आचमन करते हुए आपका मुख सदैव ही उत्तर, ईशान या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इसको करने का मतलब होता है कि आप अब स्नान करने के लिए पूरी तरह से पवित्र हैं। अंगुलियां मिलाकर एकाग्रचित्त होकर पवित्र जल से बिना शब्द किए 3 बार आचमन करना चाहिए।
इसके बाद गंगा में डुबकी लगानी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि गंगा में डुबकी पहले अपने माता-पिता, पितरों के नाम की, गुरु, लोक कल्याण और फिर अपने लिए लगानी चाहिए। नाक बंद करके पानी में डबुकी लगाएं और फिर अपने माता पिता-पितरों, गुरु का नाम लेते जाएं। इश प्रकार आपको कुल पांच बार डबुकी लगानी चाहिए।
गंगा में स्नान के बाद दान करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि आप अपनी सामार्थ्य के अनुसार दान करें। अगर दान कर रहे हैं, तो गुप्त दान को महत्व दें। कोशिश करें कि अगर आप दान करें हैं, तो आपके दूसरे हाथ को भी पता न चल पाए कि आपने दान किया है।