अनुमानों के अनुरूप भारत अत्यधिक मूल्यांकन की वजह से अन्य बाजारों के मुकाबले कमतर प्रदर्शन दिखा रहा है। दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजों ने बिकवाली को तेजी दी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि निकट अवधि में उतार-चढ़ाव बने रहने की आशंका है, क्योंकि अब निगाह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर जा टिकी है। शेयर बाजार में भारी बिकवाली के कारण सोमवार को निवेशकों की संपत्ति 5.99 लाख करोड़ रुपये घट गई।
इस दौरान बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज और बैंकिंग शेयरों में कमजोरी तथा विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली जारी रहने के कारण बाजार में गिरावट आई। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और इस सप्ताह के अंत में घोषित होने वाले फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर निर्णय से पहले निवेशक सतर्क रहे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 94,000 करोड़ निकाले
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 4329.79 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर महीने में 94,000 करोड़ रुपये की निकासी की है जो किसी भी महीने में अबतक की सबसे अधिक निकासी है। घरेलू शेयर बाजार के उच्च मूल्यांकन और चीनी शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन के कारण ऐसा हुआ।
चीन में वृद्धि तेज करने के लिए नए प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद ने भारतीय बाजारों में बिकवाली बढ़ाने का काम किया। चीन की एक संसदीय समिति की इस सप्ताह एक अहम बैठक होने वाली है। अटकलें हैं इस बैठक में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बड़े खर्च की पहल को मंजूरी मिलेगी।
गिरावट की प्रमुख वजहें
1. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले निवेशक सतर्क
2. फेड के ब्याज दर घटाने को लेकर असमंजस
3. भारतीय बाजारों का अत्यधिक मूल्यांकन चिंताजनक
4. कंपनियों के तिमाही नतीजों में दिख रही कमजोरी
5. विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली