मुंबई:परिवार नियोजन के प्रति जागरुक्ता लाने के लिए महाराष्ट्र सरकार के तरीके का विरोध हो रहा है। गांव के लोग इसे अपमान समझ रहे हैं वहीं आशा कार्यकर्ता भी इसे दिखाने और समझाने में झिझक रही हैं। दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने 25 हजार आशा कार्यकर्ताओं को परिवार नियोजन किट दी है जिसमें रबड़ का कृत्रिम लिंग और योनि है। इससे पहले आशा कार्यकर्ता बुकलेट और ग्राफ के जरिए लोगों को परिवार नियोजन के बारे में बताया करती थीं। लेकिन हाल में महाराष्ट्र सरकार ने परिवार नियोजन किट को बदलकर नई किट दी है जिसमें ये दो चीजें भी शामिल हैं।
गांव-गांव घूमकर लोगों का जागरुक करने वाली आशा कार्यकर्ताओं के लिए भी लोगों को कृत्रिम लिंग और योनि दिखाना मुश्किल हो रहा है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को सुरक्षित सेक्स और बच्चों में अंतर संबंधी चीजें महिलाओं और पुरुषों को समझाती हैं। हाल में महाराष्ट्र के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने परिवार नियोजन किट में रबड़ का लिंग और रबड़ की योनि शामिल की है जिसपर विवाद हो रहा है।
लोगों को अच्छे से समझाने के उद्देश्य से सरकार ने रबड़ का लिंग और योनि आशा वर्कर को दिए जाने वाले परिवार नियोजन किट में शामिल किया है। आशा कार्यकर्ता ग्रामीण इलाकों में जाती हैं जहां सेक्स जैसे मुद्दों पर बात करने में लोगों को आज भी झिझक होती है। ऐसे में आशा कार्यकर्ताओं को उन लोगों के सामने डेमो देने के लिए रबड़ का लिंग निकालना पड़ता है जिससे वो असहज हो जाती हैं। इस मामले पर अब जमकर राजनीति भी हो रही है। बीजेपी सरकार ने स्वास्थ्य जागरुक्ता कार्यक्रम के इस तरीके की निंदा की है।