डेस्क:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता के रेड रोड पर ईद-उल-फितर की नमाज में भाग लिया और इस दौरान कहा कि पश्चिम बंगाल में विपक्षी दल, “राम और बाम” (भाजपा और वामपंथी दल) दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा, “राम बाम एक साथ आ गए हैं। लाल और भगवा अब एक हो गए हैं और राज्य में दंगा फैलाने की फिराक में हैं। उन्होंने कहा,”वे विभाजन करने की कोशिश करेंगे । दंगा कराने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आपलोग रिएक्शन मत करना। उनकी जाल में मत फंसना”
बनर्जी ने भाजपा पर राज्य में ‘विभाजन की राजनीति के जरिए सांप्रदायिक दंगे’ भड़काने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा का ‘गंदा धर्म’ हिंदुत्व के सच्चे सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे ऐसे उकसावे में न आएं जिससे सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं। बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार राज्य के लोगों के साथ खड़ी रहेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य में कोई भी तनाव पैदा न कर सके।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने ईद की नमाज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद के अपनाए धर्म का अनुसरण करती हूं। मैं उनके (भाजपा के) बनाए ‘गंदा धर्म’ का पालन नहीं करती जो हिंदू धर्म के भी खिलाफ है।’’तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोई धर्म किसी दूसरे मनुष्य के खिलाफ कटुता का उपदेश नहीं देता, लेकिन कुछ नेता और राजनीतिक दल अपने ही फायदों के लिए नफरत फैलाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘दंगे भड़काने के लिए उकसाने की कोशिश की जा रही है, कृपया इस प्रकार के जाल में न फंसें। पश्चिम बंगाल सरकार अल्पसंख्यकों के साथ खड़ी है। राज्य में कोई भी तनाव पैदा नहीं कर सकता।’’ बनर्जी ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर उन्हें (भाजपा को) अल्पसंख्यकों से समस्या है तो क्या वे देश का संविधान बदल देंगे?’’ उन्होंने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, वहीं उन्होंने भाजपा की राजनीति को ‘विभाजनकारी’ बताते हुए उसे ‘जुमला राजनीति’ कहा।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सभी हिंदू लोग मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि कुछ राजनेता ऐसे हैं जो धर्म के नाम पर ‘सौदागरी’ करते हैं। मुख्यमंत्री ने वामपंथियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘लाल और भगवा एक हो गए हैं। लेकिन निश्चिंत रहें, मैं आपको कोई नुकसान होने नहीं दूंगी।’’ उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में विपक्षी दल ‘राम और वाम’ (भाजपा और वामपंथी दल) दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
बनर्जी ने कहा, ‘‘उनकी योजना दंगों को भड़काने की है और मेरा काम दंगों को रोकना है। दंगे रोकिए। अगर आप दंगे रोक सकते हैं तो वे खुद ही गायब हो जाएंगे। उनके जाल में मत फंसिए।’’ उन्होंने वाम दलों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘शर्म की बात है कि धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले वामपंथी दलों ने भगवा खेमे से हाथ मिला लिया है। उन्हें हाथ मिलाने दें। हम अकेले दम पर लड़ेंगे।’’उन्होंने सद्भाव और एकता के महत्व पर बल दिया और बार-बार जोर देते हुए कहा, ‘‘उकसावे में न आएं।’’
इस मौके पर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को रोकने के लिए पार्टी की एकजुटता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले (2024) लोकसभा चुनावों में, हमने मिलकर भाजपा को रोका।’’ उन्होंने अंतरधार्मिक एकता पर जोर देते हुए कहा, ‘‘चंद्रमा का कोई धर्म नहीं होता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुस्तान हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और हर एक व्यक्ति के लिए एक समान है।’’
डायमंड हार्बर के सांसद ने लोगों से एकजुट रहने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘हमें एकता बनाए रखनी चाहिए और मिलकर रहना चाहिए। मैं अपनी जान दे दूंगा, लेकिन अपने सिद्धांतों से नहीं भटकूंगा।’’ दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में विभाजन पैदा करने और सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने के प्रयासों से लड़ती रहेगी।
ममता बनर्जी के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा ‘‘आप किस धर्म को गंदा कह रहे हैं। क्या यह सनातन धर्म है? ईद के मौके पर आपने ऐसा भड़काऊ भाषण क्यों दिया? यह धार्मिक समारोह था राजनीतिक? आप समुदायों के बीच जानबूझकर नफरत और कटुता पैदा कर रहे है।’’
भाजपा नेता अमित मालवीय ने इसी तरह के अंदाज में कहा, ‘‘क्या ममता बनर्जी के लिए सनातन धर्म एक गंदा धर्म है? अपने शासन में कई हिंदू विरोधी दंगे होने के बावजूद, वह हिंदुओं और उनकी आस्था का मजाक उड़ाती हैं। उन्होंने एक बार फिर मुसलमानों को हिंदुओं को निशाना बनाने की खुली छूट दे दी है – इस बार ईद मनाने के लिए बने मंच से। शर्म आनी चाहिए उन्हें।’’
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री ने कभी हिंदू धर्म के खिलाफ कुछ नहीं कहा बल्कि वह भाजपा की सांप्रदायिकता की राजनीति के खिलाफ मुखर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बनर्जी के ‘गंदा धर्म’ शब्द से आशय उस विकृति से है जो भाजपा ने धर्म के जरिए अपने राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए की है।’’