फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को बजट पेश करने जा रही हैं। निर्मला सीतारमण ने एक अंतरिम बजट समेत 6 बजट पेश किए हैं और अब वह सातवीं बार बजट पेश करेंगी। इस बजट से अलग-अलग सेक्टर्स की काफी उम्मीदें हैं। इन उम्मीदों पर बजट कितना खरा उतरेगा, ये तो 23 जुलाई को मालूम चलेगा लेकिन बजट से जुड़े कुछ दिलचस्प नाम हैं, जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं। ऐसा ही एक नाम- Epochal बजट का है। इसे हिंदी में ‘युगांतकारी बजट’ के रूप में जाना जाता है। आइए जान लेते हैं कि इस बजट को किस वित्त मंत्री ने पेश किया था और इसका नाम ‘युगांतकारी’ क्यों पड़ा।
साल 1991 का बजट
साल 1991 में कांग्रेस के पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी। इस सरकार के वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह थे। उन्होंने इस साल ऐतिहासिक बजट पेश किया, जिसने लाइसेंस राज को समाप्त करते हुए आर्थिक उदारीकरण के युग की शुरुआत की। यह बजट ऐसे समय में पेश किया गया जब भारत आर्थिक पतन के कगार पर था। इस बजट में विदेशी निवेश के रास्ते खोले गए। इसके तहत कई अहम कदम उठाए गए। मसलन, सीमा शुल्क को 220 प्रतिशत से घटाकर 150 प्रतिशत कर दिया गया। वहीं, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी कई कड़े कदम उठाए गए।
लगातार छठी बार बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लगातार छठा बजट पेश करेंगी। इसी के साथ वह लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश करने के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम दर्ज रिकॉर्ड की बराबरी करेंगी। निर्मला सीतारमण पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जो जुलाई 2019 से पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किये। यह किसी वित्त मंत्री द्वारा पेश सर्वाधिक बजट है। उन्होंने अंतरिम बजट समेत लगातार छह बार बजट पेश किए थे।