मुंबई:साउथ फिल्मों की तारीफ करने वालों में लेटेस्ट नाम मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) का जुड़ गया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि साउथ फिल्मों की सफलता से बॉलीवुड वाले डर गए हैं। मनोज ने बोला कि केजीएफ चैप्टर 2, आरआरआर और पुष्पा की सक्सेस से सब कांप गए हैं। साथ ही यह भी कहा कि बॉलीवुड को जल्द से जल्द सीख ले लेनी चाहिए। उन्होंने साउथ सिनेमा की खूबियां भी गिनवाईं। बता दें कि साउथ फिल्में लगातार हिंदी बेल्ट में बेहतरीन परफॉर्मेंस दे रही हैं। वहीं साथ में रिलीज होने वाली बॉलीवुड फिल्मों को दर्शक नहीं मिल रहे। इसको लेकर हिंदी और साउथ दोनों इंडस्ट्री में सुगबुगाहट है।
कोविड केसेज कम होने के बाद अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा ने हिंदी बेल्ट में बंपर कमाई की। इसके बाद एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर और केजीएफ चैप्टर 2 ने कई रिकॉर्ड तोड़े। दोनों फिल्मों के हिंदी वर्जन 300 करोड़ कमाई कर चुके हैं और अभी भी दर्शक थिएटर पहुंच रहे हैं। रीसेंटली फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा ने ट्वीट किया था कि नॉर्थ वाले साउथ वालों से जल रहे हैं। अब मनोज बाजपेयी ने दिल्ली टाइम्स से बातचीत में कहा, इतनी ब्लॉकबस्टर हो रही हैं, मनोज बाजपेयी और मेरे जैसे दूसरे लोगों को 1 मिनट के लिए भूल जाइए, मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के मेनस्ट्रीम फिल्ममेकर्स कांप गए हैं। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा क्या करें।
मनोज बाजपेयी ने खुलकर बात की कि क्यों केजीएफ 2 और आरआरआर जैसी फिल्में हिंदी में डबिंग के बावजूद 300 करोड़ रुपये कमा ले रही हैं जबकि सूर्यवंशी 200 करोड़ भी नहीं कमा पा रही। मनोज मानते हैं कि इन फिल्मों की सफलता से सीख लेनी चाहिए। मनोज बाजपेयी बोले, वे लोग पैशनेट हैं, और हर शॉट ऐसे शूट करते हैं जैसे दुनिया का बेस्ट शॉट दे रहे हों। हर शॉट को ऐसे करते हैं जैसे कल्पना कर रखी हो। सब दर्शकों पर नहीं लाद देते। क्योंकि वे अपने दर्शकों को बहुत सम्मान देते हैं।
अगर आप पुष्पा, आरआरआर और केजीएफ देखेंगे तो यह क्लीयर कट बनी है। हर फ्रेम ऐसे शूट किया गया है जैसे जीने-मरने की सिचुएशन हो। हम यहीं चूक कर जाते हैं। हमने मेन स्ट्रीम फिल्मों को सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर पैसा कमाने का जरिया बना दिया है। हम इनकी आलोचना नहीं कर पाते तो इनको ‘अलग’ कहने लगते हैं। लेकिन ये मुंबई इंडस्ट्री के मेनस्ट्रीम फिल्ममेकर्स के लिए सीख है कि मेनस्ट्रीम सिनेमा कैसे बनाया जाए।