डेस्क:एक्टर मनोज बाजपेयी को आज इंडस्ट्री के कुछ सबसे कमाल के एक्टर्स में गिना जाता है। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी। मनोज को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था और इसके बाद भी उन्हें कई साल इंतजार करना पड़ा जब ‘सत्या’ और ‘बैंडिट क्वीन’ जैसी फिल्मों में उनके काम को पहचाना गया। इस दौरान मनोज बाजपेयी इंडस्ट्री के हालातों के मुताबिक ढल कर काफी ‘ढीठ’ हो चुके थे और उन्होंने अपने को-स्टार रहे एक्टर सुशांत सिंह राजपूत को भी यही मशवरा दिया था कि इस इंडस्ट्री में बहुत ‘ढीठ’ होना जरूरी है।
“वह मूडी इंसान था और मैं भी वैसा ही हूं”
मनोज बाजपेयी ने एक हालिया इंटरव्यू में दिवंगत एक्टर के बारे में बात करते हुए कहा, “वह पागल नहीं था।” सुशांत सिंह राजपूत के बारे में मिड डे के साथ बातचीत में मनोज बाजपेयी ने कहा कि वह मूडी इंसान था और यह मामला उनके ज्यादातर को-स्टार्स के साथ रहा है। मनोज बाजपेयी ने कहा, “वह मूडी इंसान था और मैं भी वैसा ही हूं। सोनचिरैया के सेट पर आशुतोष राणा, रणवीर शौरी, सुशांत सिंह राजपूत और मैं थे। उन दिनों हमने खूब मस्ती की।” मनोज बाजपेयी ने शूटिंग के दिन याद करते हुए एक किस्सा भी सुनाया।\
मनोज बाजपेयी से था घर जैसा रिश्ता
द फैमिली मैन फेम एक्टर मनोज बाजपेयी ने बताया, “पैनडेमिक से ठीक पहले जब मैं शूटिंग के लिए पहुंचा तो उसने मुझे बुलाया और कहा- आप जो मटन बनाते हैं वो खाने का मेरा बड़ा मन कर रहा है, तो अगली बार आप जब भी बनाएं तो प्लीज मुझे भी बुला लीजिएगा।” सुशांत का जाना मनोज बाजपेयी के लिए पर्सनल लॉस था क्योंकि वह उनके काफी करीब थे। मनोज ने कहा, “मैं आपको बता दूं कि उसकी मौत ने मुझे इस कदर हिला दिया था कि मैं तीन महीने तक मायूस था। जैसे वो मेरा कोई अपना था।”
जब सुशांत से कहा ये लोग जान मार देंगे
मनोज बाजपेयी ने इंडस्ट्री पॉलिटिक्स और एक्टिंग जैसे मुद्दों पर सुशांत के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा, “जहां तक इंडस्ट्री और इसमें होने वाली पॉलिटिक्स की बात है तो हमारी इस बारे में बात हुआ करती थी। मैं उससे हमेशा कहा करता था कि इसके लिए बहुत मोटी चमड़ी (ढीठपना) होना चाहिए, नहीं तो ये लोग जान मार देंगे तुम्हारी। मैं बहुत ढीठ हो चुका था क्योंकि मैंने बहुत रिजेक्शन झेले थे। यह मेरी जिंदगी का हिस्सा बन चुका था लेकिन मेरे बहुत से दोस्तों में वो ढीठपन नहीं है। वो रिजेक्शन नहीं झेल पाए जैसे मैंने झेला था।”