जम्मू:केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 83वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। शाह ने कहाकि नरेंद्र मोदी के भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद जम्मू कश्मीर की हालत में सुधार हुआ है। इस कार्यक्रम के बाद केंद्रीय गृहमंत्री जम्मू कश्मीर की सुरक्षा समीक्षा बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में उनके साथ पैरामिलिट्री फोर्सेज, यूटी पुलिस और जम्मू में तैनात सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख भी शामिल होंगे।
लोकतंत्र स्थापित करने में मिली सफलता
जम्मू के एमए स्टेडियम में आयोजित इस समारोह से पहले सीआरपीएफ जवानों ने अमित शाह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहाकि 2014 में नरेंद्र मोदी के भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहाकि लोकतंत्र को जमीन पर पहुंचाने में मोदी सरकार को बड़ी सफलता मिली। जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी सफलता है कि हमारे बलों ने आतंकवाद को नियंत्रित करने में सफलता हासिल की है।
सीआरपीएफ जुड़ा ये ऐलान किया
इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने सीआरपीएफ से जुड़ा एक ऐलान भी किया। उन्होंने कहाकि भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी सीआरपीएफ की वार्षिक परेड देश के अलग-अलग हिस्सों में मनाई जाए। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि देश और सीमाओं की सुरक्षा में लगे सीआरपीएफ संगठन अलग-अलग हिस्सों में जाकर देश की जनता से आत्मीयता का संबंध बनाएं। शाह ने कहाकि सीआरपीएफ लंबे समय से भारत के लोगों को सुरक्षा की भावना का एहसास करा रही है। उन्होंने कहाकि लोकतंत्र में चुनाव किसी उत्सव की तरह होते हैं। इस दौरान भी सीआरपीएफ देशभर में शांतिपूर्ण मतदान में अहम भूमिका निभाती है।
सुरक्षा एजेंसियों के साथ करेंगे अहम बैठक
वहीं अमित शाह जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर लगाम कसने में लगी सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक भी करेंगे। इस दौरान वह पीर प्रांजल के दोनों तरफ आतंकवादियों से लड़ाई पर फोकस रहेगा। जम्मू और श्रीनगर स्थित अधिकारियों के मुताबिक बैठक के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री को पीओके में चल रही आतंकी गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। गौरतलब है कि सुरक्षा एजेंसियों ने एकजुट होकर घाटी में आतंकवाद संबंधी घटनाओं पर लगाम लगाई है। लेकिन एलओसी के आर-पार रेडीमेड आईईडी की तस्करी के संबंध में इंटेलीजेंस रिपोर्ट आ रही हैं। यह आईईडी और हथियार ड्रोन का इस्तेमाल करके भेजे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि सीमा पार से इन्हें जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने के मकसद से भेजा जा रहा है।