स्पोर्ट्स डेस्क:मोहम्मद शमी के इंजरी मैनेजमेंट पर सवाल उठाते हुए पूर्व दिग्गज रवि शास्त्री और रिकी पोंटिंग ने कहा कि अगर इस अनुभवी तेज गेंदबाज को पांच मैचों की बॉर्डर गावस्कर सीरीज के दूसरे हिस्से में टीम में शामिल किया जाता तो भारत का पलड़ा भारी हो सकता था। ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी ने खेले गए पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में छह विकेट से जीत दर्ज करके सीरीज 3–1 से अपने नाम की और पिछले एक दशक में पहली बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीती। शमी ने टखने की चोट से उबरने के बाद अपने होम स्टेट बंगाल के लिए तीनों फॉर्मेट रणजी ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली टी20 और विजय हजारे वनडे में प्रभावशाली प्रदर्शन किया जिससे उनकी भारतीय टीम में वापसी की उम्मीद बढ़ गई थी।
लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की मेडिकल टीम ने घुटने की सूजन का हवाला देते हुए मेलबर्न में चौथे टेस्ट से पहले आधिकारिक तौर उनकी वापसी की संभावना को खत्म कर दिया था। हालांकि पोंटिंग और शास्त्री दोनों का मानना है कि भारत को शमी को ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर ले जाना चाहिए था। पूर्व भारतीय हेड कोच शास्त्री ने द आईसीसी रिव्यू में कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैं मीडिया में चल रही बातों से बहुत हैरान था कि आखिर में मोहम्मद शमी के साथ सच में क्या हुआ था।’ उन्होंने कहा, ‘जब फिट होने की बात आती है तो वह कहां है? मुझे नहीं पता कि वह कितने समय से एनसीए (भारतीय क्रिकेट अकैडमी) में है। वह किस स्थिति में है इसको लेकर सही कम्यूनिकेशन हो सकता था। अगर मुझे फैसला करना होता तो मैं उसे ऑस्ट्रेलिया लेकर आ जाता। अगर वह होता तो हम मेलबर्न और सिडनी टेस्ट का रिजल्ट अपने पक्ष में कर सकते थे।’
ऑस्ट्रेलिया की वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान रहे पोंटिंग ने भी शास्त्री की बातों का समर्थन करते हुए कहा, ‘मुझे सच में हैरानी है कि उसे सीरीज के बीच में टीम में क्यों शामिल नहीं किया गया। वह अगर कम ओवर भी करता तब भी अंतर पैदा कर सकता था।’ उन्होंने कहा, ‘जब आपने मुझसे शुरुआत में पूछा था कि सीरीज का परिणाम क्या होगा, तो मैंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया 3-1 से जीतेगा क्योंकि भारतीय टीम में शमी नहीं हैं। अगर शमी, बुमराह और सिराज उनकी शुरुआती टीम में होते, तो मुझे लगता है कि रिजल्ट अलग भी हो सकता था।’