मुंबई:महाराष्ट्र में शुरुआती घंटों में लग रहा था कि मतदान धीमा है, लेकिन शाम को आंकड़ा आया तो सारे रिकॉर्ड ही टूट गए। महाराष्ट्र में बीते तीन दशकों में पहली बार 65 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। वहीं गढ़चिरौली और कोल्हापुर जैसे जिलों में मतदान का आंकड़ा 75 फीसदी तक पहुंच गया। अब बढ़े हुए वोटिंग प्रतिशत को लेकर राजनीतिक पंडितों के अपने कयास हैं, लेकिन डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस उत्साहित हैं। उनका कहना है कि भाजपा और महायुति को इस बार फिर से जनता का आशीर्वाद मिलेगा। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मतदान ग्रामीण जिलों में हुआ है, जबकि मुंबई क्षेत्र में तो 52 फीसदी वोटिंग ही हुई।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वोट प्रतिशत जब भी बढ़ता है तो भाजपा को ही इसका लाभ मिलता है। साफ है कि भाजपा और महायुति को इस बार भी फायदा मिलने वाला है। वहीं मतदान के बाद वह बुधवार की शाम को आरएसएस मुख्यालय गए और वहां संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात भी की। सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग के दौरान मोहन भागवत के अलावा सीनियर लीडर भैयाजी जोशी भी मौजूद थे। वह करीब 20 मिनट तक संघ मुख्यालय में रहे और फिर निकल गए। भाजपा नेता या अन्य किसी सूत्र ने इस मुलाकात को लेकर कुछ कहा नहीं है। लेकिन यह चर्चा तेज हो गई है कि शायद सीएम पद के लिए फडणवीस को आरएसएस का समर्थन मिल गया है।
दरअसल चुनाव के बीच में ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह सीएम पद की रेस में नहीं हैं। इसके बाद से ही माना जा रहा है कि यदि महायुति को बहुमत मिला तो इस बार मौका देवेंद्र फडणवीस को मिल सकता है। हालांकि अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। इसका कारण यह है कि भाजपा का हाईकमान ही तय करता है कि मुख्यमंत्री कौन होगा। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक जो 8 सर्वे आए हैं, उनमें से 5 में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बताया गया है। वहीं 3 सर्वे ऐसे भी हैं, जो मानते हैं कि महाविकास अघाड़ी को सत्ता मिल सकती है। कुल मिलाकर देखें तो टाइट फाइट की तस्वीर ही एग्जिट पोल्स से उभरती दिख रही है।