हिंदू धर्म में वास्तु का बहुत महत्व है। गृह निर्माण के समय बेडरूम,किचन,पूजाघर,बाथरूम,टॉयलेट समेत सभी कमरों को बनाते समय वास्तु का खास ध्यान रखा जाता है। इसके साथ ही मुख्यद्वार पर भी वास्तु के नियमों का पालन करना जरूरी माना जाता है। मान्यता है कि इससे मेनगेट का वास्तु सही होने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। मुख्यद्वार से जुड़ी कुछ गलतियां जीवन में बाधाओं का कारण बन सकती है। आइए जानते हैं मुख्यद्वार पर वास्तु की किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
मुख्यद्वार से जुड़े वास्तु टिप्स :
वास्तु के अनुसार, मुख्यद्वार के सामने किसी भी तरह से लीकेज के कारण पानी नहीं बहना चाहिए। इससे घर के बच्चों को नुकसान पहुंचता है।
मुख्यद्वार के समझ किचड़ और ईट-पत्थर बिखरे हुए नहीं होने चाहिए।
वास्तु के अनुसार,मुख्यद्वार के सामने कूड़ा-कचरा,वॉचमैन केबिन और स्टोर रूम नहीं होना चाहिए।
ऐसा कहा गया है कि मुख्यद्वार के समक्ष गाय,बकरी,भैंस और कुत्ते को नहीं बांधना चाहिए। इससे तरक्की में बाधा आती है।
दरवाजे को खोलते-बंद करते समय कोई भी आवाज नहीं आना चाहिए। यह एक अशुभ संकेत माना गया है। इसलिए आवाज निकलने पर दरवाजों के कोनों में तेल डाल देना चाहिए।
मुख्यद्वार के सामने सेप्टिक टैंक,बोरिंग, अंडरग्राउंड स्टोरेज टैंक इत्यादि नहीं होना चाहिए। वास्तु के अनुसार, इससे धन हानि होता है।
वास्तु के अनुसार, घर के मुख्यद्वार का दरवाजा बाहर की ओर नहीं खुलना चाहिए। मेनगेट का दरवाजा अंदर की ओर ही खुलना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, दो घर में प्रवेश के लिए एक मुख्यद्वार नहीं होना चाहिए।
वास्तु में मुख्यद्वार का पूर्व,उत्तर या ईशान कोण में होना शुभ माना गया है।
मेनगेट का दरवाजा त्रिभुजाकार, गोलाकार,वर्गाकार या बहुभुज की आकृति में नहीं होना चाहिए।