डेस्क:पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने एक बार फिर से जहर उगला है। उन्होंने टू नेशन थ्योरी का राग अलापते हुए कहा है कि हिंदू-मुस्लिम अलग हैं। मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान कई बलिदानों के बाद हासिल हुआ है और हम जानते हैं कि इसकी रक्षा कैसे करनी है। मुनीर ने हफ्तेभर पहले कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस बताते हुए टू नेशन थ्योरी की बात की थी, जिसके बाद भारत ने करारा जवाब दिया था। शनिवार को मुनीर खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के काकुल इलाके में पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी (पीएमए) में कैडेटों की पासिंग आउट परेड को संबोधित कर रहे थे।
मुनीर ने कहा, “टू नेशन थ्योरी इस बुनियादी मान्यता पर आधारित थी कि मुसलमान और हिंदू एक नहीं, बल्कि दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। मुसलमान जीवन के सभी पहलुओं – धर्म, रीति-रिवाज, परंपरा, सोच और आकांक्षाओं में हिंदुओं से अलग हैं।” उनकी टिप्पणी मंगलवार को पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत के साथ तनाव के बीच आई है, जिसमें 26 लोग मारे गए और भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने सहित पाकिस्तान के खिलाफ कई उपायों की घोषणा की।
जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान कई बलिदानों के बाद हासिल हुआ है और इसे सुरक्षित रखना सशस्त्र बलों का कर्तव्य है। उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों ने पाकिस्तान के निर्माण के लिए बहुत बड़ी कुर्बानियां दी हैं। हम जानते हैं कि इसकी रक्षा कैसे करनी है।” इससे पहले 16 अप्रैल को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानियों के लिए एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुनीर ने दावा किया कि हिंदू और मुसलमान अलग-अलग राष्ट्र हैं और उन्होंने दर्शकों से पाकिस्तान के निर्माण की कहानी अपने बच्चों को बताने का आग्रह किया। उन्होंने पाकिस्तान के संस्थापक एम ए जिन्ना द्वारा प्रचारित दो-राष्ट्र सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा, “आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी बतानी होगी ताकि वे यह न भूलें कि हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर संभव पहलू में हिंदुओं से अलग हैं।”
उन्होंने कहा, “हमारे धर्म अलग हैं, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं, हमारी परंपराएं अलग हैं, हमारे विचार अलग हैं, हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यहीं पर दो-राष्ट्र सिद्धांत की नींव रखी गई थी। हम दो राष्ट्र हैं, हम एक राष्ट्र नहीं हैं।” इससे पहले, इसी संबोधन में कश्मीर के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा था, “हमारा रुख बहुत स्पष्ट है, यह हमारी गले की नस थी, यह हमारी गले की नस रहेगी और हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में नहीं छोड़ेंगे।” भारत ने पाकिस्तान को बार-बार बताया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश हमेशा देश का अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे। 5 अगस्त, 2019 को भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई है।