डेस्क:पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा को लेकर राजनीति तेज हो गई है। रविवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बयानबाजी हुई। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इस पूरे मामले में तृणमूल कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते केंद्रीय एजेंसियों से इस घटना की जांच कराने की मांग की तो वहीं टीएमसी ने भाजपा पर झूठा अभियान और उकसावे की राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाया।
केद्र सरकार द्वारा बनाए गए वक्फ ऐक्ट को लेकर हुई हिंसा में तीन लोगों के मारे जाने के बाद राज्य भाजपा ने कोलकाता में एक रैली का आयोजन किया। इस रैली में भाजपा के नेताओं ने टीएमसी पर जोर दार हमला करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की हिंसा की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराने की मांग की। केंद्रीय मंत्री और राज्य भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अब पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उनके राज्य में सैंकड़ों हिंदूओं के घरों पर हमला किया गया.. हिंदुओं की दुकानों, मकानों को चुन-चुन कर निशाना बनाया गया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी ममता को आड़े हाथों लेते हुए हिंदूओं के ऊपर हुई हिंसा की अनुमति देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि टीएमसी के शासन में कट्टरपंथी तत्वों का होसला बढ़ गया है। यही वजह है कि वह ममता के सीएम रहते अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जिसके कारण मुर्शिदाबाद में हिंदुओं के ऊपर हमले किए गए।
सदन में नेता विपक्ष अधिकारी ने एक्स पर किए पोस्ट में लिखा,”धार्मिक रूप से प्रेरित कट्टरपंथियों के डर से धुलियान, मुर्शिदाबाद के 400 से अधिक हिंदुओं को नदी पार करके भागने और दूसरी जगहों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है” बंगाल में हकीकत में धार्मिक उत्पीड़न हो रहा है।
तृणमूल कांग्रेस का पलटवार
भाजपा की तरफ से होते हमलों का जवाब तृणमूल कांग्रेस की तरफ से भी दिया गया। टीएमसी की तरफ से आरोप लगाया गया कि हिंसा देश से बाहर से आए अपराधियों द्वारा की गई थी, जिन्हें सीमा सुरक्षा बल ने साजिश के तहत बांग्लादेश से सीमा पार करने की अनुमति दी थी।
टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “कुछ दलों के नेताओं और बीएसएफ के एक वर्ग ने टीएमसी के लिए परेशानी खड़ी करने का खाका तैयार किया है। राज्य में हुई इस हिंसा का नेतृत्व करने वाले सभी लोग बाहरी थे। बीएसएफ ने उन्हें सीमा पार से आने दिया और अब वह सभी गायब हो गए हैं। अगर यहां पर सांप्रदायिक हिंसा होती है तो फिर राजनीतिक रूप से किसे फायदा होगा?”
टीएमसी से राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने भाजपा पर हिंसा और आगजनी की फर्जी तस्वीरों और वीडियो से इंटरनेट को भरने का आरोप लगाया, जिनका पश्चिम बंगाल से कोई लेना देना भी नहीं है।