Desk:म्यांमार और थाईलैंड में फंसे 10 भारतीय बिहारी युवक बुधवार शाम दिल्ली से सड़क मार्ग के जरिए पटना पहुंचे। उन्हें आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। इसके अलावा, राज्य के चार अन्य युवकों को भी वापस लाया जा रहा है, जिससे अब तक कुल 14 भारतीय बिहारी युवकों की स्वदेश वापसी हो चुकी है।
साइबर ठगी के जाल में फंसे थे युवक
परिजनों के अनुसार, इन भारतीय बिहारी युवकों को पहले म्यांमार और फिर थाईलैंड ले जाया गया, जहां उनसे जबरन साइबर ठगी का काम कराया जा रहा था। उन्हें घरवालों से बात करने की अनुमति नहीं थी और आदेश न मानने पर उन्हें भूखा रखा जाता था। ये युवक अपने ही परिचित दलालों के झांसे में आकर विदेश गए थे, जिन्होंने उन्हें ऊंचे पद और मोटी सैलरी का लालच दिया था।
मो. रिजवान और मो. मुअल्लीम के पिता अपने बेटों की सकुशल वापसी पर भावुक हो गए। मो. रहीम ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर का एक व्यक्ति, जो अब मुंबई में रहता है, ने रिजवान को विदेश भेजा था। 20 मार्च 2024 को उसे टूरिस्ट वीजा पर म्यांमार भेजा गया था और इस दौरान 1.20 लाख रुपये की अग्रिम राशि भी ली गई थी। इसी तरह, मो. मंसूर ने बताया कि उनके बेटे को भी अच्छे वेतन का झांसा देकर थाईलैंड भेजा गया था।
युवकों से होगी पूछताछ
EOU के अधिकारियों ने बताया कि इन 10 भारतीय बिहारी युवकों से पूछताछ की जाएगी ताकि उन्हें विदेश भेजने वाले दलालों की जानकारी जुटाई जा सके। यदि कोई कानूनी उल्लंघन नहीं पाया जाता है तो उन्हें उनके परिवारों के पास भेज दिया जाएगा।
सड़क मार्ग से पटना लाए जा रहे अन्य युवक
दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय के अनुसार, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को चार और भारतीय बिहारी युवकों को म्यांमार और थाईलैंड से वापस लाने की व्यवस्था की। इन्हें पुलिस सुरक्षा में सड़क मार्ग से पटना भेजा गया है और वे गुरुवार तक पटना पहुंचेंगे।