डेस्क:म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप ने महातबाही मचाई है। इसकी चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,644 हो गई है। करीब 3,408 लोग घायल हैं और 139 अभी तक लापता बताए जा रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएफपी ने शनिवार को देश के सैन्य शासन का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। मृतकों की संख्या अभी भी बढ़ने की आशंका है क्योंकि मलबा हटाने का काम जारी है। शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले से ज्यादा दूर नहीं था। भूकंप के कारण कई इलाकों में इमारतें ढह गईं और व्यापक क्षति हुई है। इसके बाद कई झटके महसूस किए गए, जिनमें से एक की तीव्रता 6.4 थी। भूकंप के कारण कई क्षेत्रों में इमारतें ढह गईं। सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। पुल ढह गए और एक बांध टूट गया। राजधानी नेपीता में शनिवार को क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए कर्मचारी काम कर रहे थे। शहर के अधिकांश हिस्सों में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं।
सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों से पता चला कि भूकंप के कारण नेपीता अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई यातायात नियंत्रण टावर ढह गया। शनिवार को ली गई तस्वीरों में टावर इस तरह से गिरा हुआ दिखाई दे रहा है जैसे कि उसे आधार से उखाड़ दिया गया हो। टावर के ऊपर मलबा बिखरा हुआ है। इस टावर से म्यांमार की राजधानी में सभी हवाई यातायात को नियंत्रित किया जाता था। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि टावर ढहने से कोई हताहत हुआ है या नहीं, लेकिन माना जा रहा है कि शुक्रवार को जब भूकंप आया तो उस वक्त टावर के अंदर कर्मचारी मौजूद रहे होंगे। टावर ढहने से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई परिचालन भी रुक गया होगा। चीन से बचाव दल को लेकर विमान सीधे प्रभावित प्रमुख शहरों मांडले और नेपीता के हवाई अड्डों पर जाने के बजाय यांगून हवाई अड्डे पर उतरा।
म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए और इसने राजधानी बैंकॉक समेत देश के अन्य क्षेत्रों को हिलाकर रख दिया। बैंकॉक शहर के अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के कारण अब तक 6 लोग मृत पाए गए हैं। 26 लोग घायल हैं और 47 अब भी लापता हैं। राजधानी के लोकप्रिय चतुचक बाजार के निकट एक निर्माण स्थल पर काफी तबाही हुई है। भूकंप के बाद कई टन मलबे को हटाने के लिए शनिवार को और अधिक भारी उपकरण लाए गए। लापता लोगों के मित्रों और परिवार के सदस्यों के बीच यह आशा धूमिल होती जा रही है कि वे जीवित मिल जाएंगे।