डेस्क: तेलंगाना के नागरकुरनूल में एसएलबीसी सुरंग के अंदर फंसे सात लोगों की तलाश अभी भी जारी है। बचाव अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए स्वायत्त हाइड्रोलिक संचालित रोबोट तैनात किया गया है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा।
मैनुअल खुदाई की बजाय रोबोट का इस्तेमाल
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, सुरंग में बचाव कार्य को तेज करने के लिए 30 एचपी क्षमता वाले लिक्विड रिंग वैक्यूम पंप और वैक्यूम टैंक मशीन का उपयोग किया जा रहा है। इससे मलबा तेजी से हटाया जा सकता है। मैनुअल खुदाई के बजाय हाइड्रोलिक संचालित रोबोट का उपयोग किया जा रहा है, जिससे बचाव अभियान की गति और कुशलता बढ़ाई गई है।
अधिकारियों की कड़ी निगरानी
राज्य के विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन) अरविंद कुमार खुद इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं। अभियान में सिंगरेनी कोलियरीज के बचावकर्मी, विभिन्न खनन संस्थानों के विशेषज्ञ और अन्य टीमें शामिल हैं। कन्वेयर बेल्ट के जरिए एक घंटे में करीब 620 क्यूबिक मीटर मिट्टी और मलबे को हटाने की क्षमता है, जिससे बचाव कार्य में तेजी आ रही है।
सुरंग में पानी और कीचड़ बना चुनौती
अभियान में रोबोट का इस्तेमाल करने का एक मुख्य कारण सुरंग के अंदर मौजूद पानी और कीचड़ है, जिससे बचाव कार्य में जोखिम बढ़ जाता है। केरल पुलिस के बेल्जियन मेलिनोइस नस्ल के खोजी कुत्तों की मदद से संभावित स्थानों की पहचान की गई, जो 15 फीट गहराई तक गंध सूंघने में सक्षम हैं।
गुरप्रीत सिंह का शव बरामद
9 मार्च को बचाव दल को टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ऑपरेटर गुरप्रीत सिंह का शव बरामद हुआ था, जिसे उनके परिजनों को सौंप दिया गया।
सात लोग अब भी सुरंग में फंसे
गुरप्रीत सिंह के अलावा, अब भी मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू-कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब), संदीप साहू, जेगता जेस और अनुज साहू (झारखंड) सहित कुल सात लोग सुरंग में फंसे हुए हैं। यह घटना 22 फरवरी को हुई थी, जब एसएलबीसी परियोजना की सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था, जिससे कुल आठ लोग अंदर फंस गए थे।
सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रोबोटिक्स कंपनियों की मदद
बचाव अभियान में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एचआरडीडी (मानव अवशेष खोजी कुत्ते), सरकारी खनन कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज, हैदराबाद की रोबोटिक्स कंपनी और अन्य संस्थानों की टीमें लगी हुई हैं।
सरकार और बचाव एजेंसियां जल्द से जल्द बाकी बचे सात लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयासों में जुटी हैं।