मुंबई:शिवसेना के सांसद गजानन कीर्तिकर ने एक दिलचस्प बयान देते हुए कहा कि भले ही महाराष्ट्र में नाम उद्धव ठाकरे सरकार का है, लेकिन असली फायदा तो पवार सरकार को मिल रहा है। गठबंधन सरकार की साझीदार एनसीपी पर तंज कसते हुए कीर्तिकर ने रत्नागिरी में कहा कि इसे ठाकरे सरकार कहा जाता है, लेकिन असली लाभ तो पवार सरकार को मिल रहा है। एक सवाल का जवाब देते हुए गजानन ने कहा, ‘मैं रत्नागिरी से कोई चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूं। मुंबई में हमें सीएम और नगर विकास फंड के जरिए काफी राशि मिलती है। ग्रामीण इलाकों के जनप्रतिनिधियों को गांवों में बहुत से काम करने पड़ते हैं। मैं अपनी ओर से जितना संभव होता है, मदद करता हूं।’
सांसद ने कहा कि सरकार से फंड हासिल करने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है। मैं यहां एनसीपी का नाम लेना चाहूंगा। हम इस सरकार को उद्धव ठाकरे सरकार के नाम से जानते हैं, लेकिन असली फायदा तो पवार सरकार को मिल रहा है। इसी की वजह से सरकार में तनाव की स्थिति पैदा हो रही है। गजानन कीर्तिकर ने रत्नागिरी के दापोली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। इस दौरान विधायक योगेश कदम और शिवसेना के अन्य स्थानीय नेता भी मौजूद थे। बता दें कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस और शिवसेना के नेता अकसर विकास के लिए कम फंड मिलने की शिकायतें करते रहे हैं।
बता दें कि विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मुद्दे को महाराष्ट्र विधानसभा में उठाया था। उनका कहना था कि इस गठबंधन सरकार में तीन दल शामिल हैं, लेकिन असली फायदा एनसीपी को ही मिल रहा है। उसके नेताओं को कांग्रेस और शिवसेना के मुकाबले ज्यादा फंड आवंटित किया जाता है। भाजपा के नेता अतुल भाटकलकर ने भी शिवसेना के सांसद के बयान पर कॉमेंट किया है। उन्होंने कहा कि कीर्तिकर ने शिवसेना को सही तस्वीर दिखा दी है। भाजपा पर हमला बोलने से पहले उद्धव ठाकरे को अपनी ही पार्टी में पैदा हो रहे असंतोष पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।