नई दिल्ली:भारत की निखत जरीन ने महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप 2023 के 50 किलोग्राम लाइट फ्लाईवेट वर्ग के फाइनल में वियतनाम की दो बार की एशियाई चैंपियन गुयेन थी टैम को हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया है। निखत जरीन का ये दूसरा विश्व खिताब है। इस तरह निखत महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम (छह बार की विश्व चैम्पियन) के बाद दो बार यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाली दूसरी भारतीय बनीं। शनिवार को नीतू गंघास (48 किग्रा) और स्वीटी बूरा (81 किग्रा) विश्व चैम्पियन बनी थीं।
मेजबान भारत स्वर्ण पदकों के मामले में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी करने की ओर बढ़ रहा है। ओलंपिक पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन देर शाम में फाइनल के लिए रिंग में उतरेंगी। भारत ने 2006 में अपनी मेजबानी में चार स्वर्ण पदक जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था जिसमें देश के नाम आठ पदक रहे थे।
दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने के बाद निखत जरीन ने कहा, ”मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनकर खुश हूं। मैं उन सभी की आभारी हूं, जिन्होंने मेरा समर्थन किया। ये मेडल मेरे देश भारत के लिए है। ये काफी मुश्किल मुकाबला था लेकिन अंत में मैंने गोल्ड मेडल जीता।”
फाइनल में निखत ने दमदार प्रदर्शन करके दिखाया। वह मुकाबला शुरू होते ही अपनी विपक्षी पर हावी रहीं और लगातार मुक्के मारकर पांचों जजों को प्रभावित किया। पहले राउंड में निखत जरीन ने बाजी मारी। हालांकि दूसरे राउंड में वियतनाम की गुयेन थी टैम ने वापसी की और 3-2 से दूसरा राउंड जीता। फाइनल राउंड में दोनों ही बॉक्सर हार मानने को तैयार नहीं थे। लेकिन निखत ने अच्छा खेल दिखाकर वियतनाम की मुक्केबाज को छकाया। इस दौरान वह अटैक और डिफेंस दोनों में बेहतर दिखीं।
दूसरी बार बनीं विश्व चैंपियन
विश्व चैंपियनशिप में निखत का यह दूसरा स्वर्ण है, इससे पहले उन्होंने पिछले साल 52 किग्रा वर्ग में जीता था। निखत विश्व चैंपियनशिप में दो बार स्वर्ण जीतने वाली दूसरी भारतीय मुक्केबाज हैं। निखत से पहले मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018) छह बार यह कारनामा कर चुकी हैं।
इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू गंघास (48 किग्रा) और अनुभवी मुक्केबाज स्वीटी बूरा (81 किग्रा) ने शनिवार को महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में अलग-अलग अंदाज में जीत से विश्व चैम्पियन बनीं और इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया।