नूंह। दिल्ली दंगों की तरह अब हरियाणा के नूंह में हुई साम्प्रदायिक हिंसा में भी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता का नाम सामने आया है। नूंह हिंसा के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या मामले में ‘आप’ के हरियाणा प्रदेश संयोजक जावेद अहमद के खिलाफ हत्या सहित आधा दर्जन से अधिक गंभीर धाराओं में नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है। आरोप है कि जावेद अहमद ने भीड़ को हिंसा के हमलों के लिए उकसा रहा था। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। दूसरी तरफ, ‘आप’ ने कहा है कि उसके नेता के खिलाफ झूठा केस दर्ज किया गया है। पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने दावा किया कि जावेद अहमद वारदात की जगह से 100-150 किलोमीटर दूर थे और उनके पास इस बात के प्रमाण भी हैं।
जानकारी के अनुसार, ‘आप’ के नेता जावेद अहमद पर सोहना के निरंकारी चौक पर 31 जुलाई को बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा की हत्या का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में भोंडसी के रहने वाले शिकायतकर्ता पवन द्वारा सोहना सिटी थाने में लिखित शिकायत दी गई थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 2 अगस्त को आरोपी नामजद जावेद अहमद के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 302, 506, 188, 147, 148, 149 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1B) के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
एफआईआर में बताया गया है कि नूंह में हिंसा के बाद जिस वक्त बजरंग दल कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा पर भीड़ द्वारा पत्थरों, रॉड और लाठी-डंडों से हमला किया गया तब वह पवन कुमार के साथ ही उनकी कार में सोहना की ओर जा रहे थे। पवन भी बजरंग दल से जुड़े हुए हैं।
एफआईआर के मुताबिक, नूंह के नल्हड़ मंदिर से रेस्क्यू कराने के बाद उन्हें नूंह की पुलिस लाइन लाया गया था। वहां से रात 10:30 बजे वो पवन, प्रदीप और गनपत तीनों अपनी गाड़ी से घर के लिए निकले, उन्हें एक पुलिस वैन एस्कॉर्ट कर रही थी, लेकिन सोहना के पास पुलिस वैन में सवार पुलिसकर्मी यह कहते हुए वापस चले गए की आगे रूट क्लीयर है। थोड़ा आगे चलने पर एक स्कॉर्पियो कार ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया। इसके बाद केएमपी पर उनकी गाड़ी को कार ने ओवरटेक करके रुकवा लिया।
पवन के मुताबिक, “रास्ते में आगे करीब 200 उग्र लोगों भीड़ खड़ी थी। उस भीड़ का नेतृत्व कर रहे जावेद अहमद ने उनसे कहा कि आज इन्हें जान से मार दो, जो होगा मैं संभाल लूंगा। इसके बाद उसकी शह पाकर 20-25 लोगों की भीड़ ने हमारी गाड़ी पर हमला बोल दिया। भीड़ ने प्रदीप और उन्हें कार से निकाल लिया और बुरी तरह पीटा। मुझे तो पुलिस वहां से निकाल कर ले गई, लेकिन प्रदीप नहीं निकल सका क्योंकि उसके सिर पर लोगों ने रॉड मार दी थी, जिससे वह नीचे गिर गया।”
उसके बाद गोलियां चलने की भी आवाज सुनाई दी। कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची और उन्होंने भीड़ से छुडवाया। गंभीर हालत में प्रदीप को सोहना के नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां पर उसकी हालत को देखते हुए गुरुग्राम अस्पताल रेफर कर दिया और वहां से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान 2 अगस्त को उसकी मौत हो गई थी।
पवन ने एफआईआर में कहा है कि वो जावेद अहमद को अच्छी तरह पहचानता है और बाकी आरोपियों को भी सामने आने पर पहचान सकता है।