डेस्क:लेक्ट्रिक दोपहिया गाड़ी बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उपभोक्ता अधिकार नियामक सीसीपीए (Central Consumer Protection Authority) ने ओला इलेक्ट्रिक द्वारा सर्विसेज तथा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में कथित “खामियों” से संबंधित शिकायतों की विस्तृत जांच का आदेश दिया है। निधि खरे की अध्यक्षता वाले केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने महानिदेशक (जांच) को इस मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। बता दें, खरे भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) की प्रमुख भी हैं। इस संबंध में आदेश छह नवंबर को जारी किया गया और बीआईएस महानिदेशक को 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
आई हैं 10,000 से ज्यादा शिकायतें
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कंपनी ने नोटिस का जवाब दे दिया है। सीसीपीए ने अब महानिदेशक (जांच) को मामले की विस्तार से जांच करने और 15 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।” यह कदम सीसीपीए द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर 10,000 से अधिक शिकायतें मिलने के बाद शुरू की गई कार्रवाई के मद्देनजर उठाया गया है।
कंपनी को पहले ही मिल चुकी है नोटिस
रेगलुटेरी ने उपभोक्ता अधिकारों के कथित उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापनों तथा अनुचित व्यापार व्यवहार का हवाला देते हुए सात अक्टूबर को ओला इलेक्ट्रिक को नोटिस जारी किया था। नोटिस का कंपनी ने 21 अक्टूबर को जवाब दिया था, जिसमें उसने कहा था कि सीसीपीए के पास दर्ज 10,644 शिकायतों में से 99.1 प्रतिशत का समाधान कर दिया है।
शेयर बाजार में कंपनी की हालत खराब
गुरुवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर बीएसई में 1.23 प्रतिशत की गिरावट के बाद 70.11 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था। बीते 2 हफ्तों में कंपनी के शेयरों में 13.32 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, 3 महीने में यह स्टॉक 36 प्रतिशत टूट गया है।