डेस्क : देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और इसी के साथ ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) जैसी कंपनियों ने भी तेजी से अपने पांव पसारे हैं। लेकिन अब ओला इलेक्ट्रिक को महाराष्ट्र सरकार की एक सख्त कार्रवाई के चलते बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र के परिवहन विभाग (Transport Department) ने ओला इलेक्ट्रिक के 100 से अधिक शोरूम्स को बिना लाइसेंस के संचालन करते हुए पकड़ा है।
कितने शोरूम्स पर गिरी गाज?
CNBC-TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 131 शोरूम्स की जांच की गई, जिनमें से 107 शोरूम नियमों के उल्लंघन करते हुए पाए गए। इनमें से 104 शोरूम्स को नोटिस जारी किया गया है, जबकि 43 शोरूम्स को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इस दौरान 214 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स भी जब्त किए गए हैं।
कार्रवाई की वजह क्या रही?
महाराष्ट्र परिवहन विभाग के अनुसार, इन डीलरशिप्स के पास आवश्यक “ट्रेड सर्टिफिकेट” नहीं था। भारत में किसी भी वाहन को बिक्री के लिए दिखाने या टेस्ट ड्राइव के लिए इस्तेमाल करने के लिए यह प्रमाणपत्र अनिवार्य होता है। बिना इस सर्टिफिकेट के वाहन बेचना या परीक्षण कराना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।
क्या होता है ट्रेड सर्टिफिकेट?
सरल भाषा में कहें तो ट्रेड सर्टिफिकेट एक प्रकार की सरकारी अनुमति है, जो वाहन डीलरों को गाड़ियों की बिक्री और टेस्ट ड्राइव की इजाजत देती है। यह वाहन की अस्थायी नंबर प्लेट की तरह कार्य करता है और इसके बिना कोई भी वाहन सड़क पर नहीं चलाया जा सकता।
सरकार की अगली कार्रवाई क्या होगी?
महाराष्ट्र के संयुक्त परिवहन आयुक्त (Joint Transport Commissioner) ने सभी आरटीओ (RTO) अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे सभी अवैध डीलरशिप्स की लॉगिन आईडी 24 घंटे के भीतर बंद कर दी जाए। इसके साथ ही अब तक की गई कार्रवाई की पूरी जानकारी सरकार को रिपोर्ट के रूप में भेजी जाएगी और शोरूम्स की स्थिति को नियमित रूप से अपडेट किया जाएगा।
कंपनी पर क्या होगा असर?
यह कार्रवाई उस समय हुई है जब ओला इलेक्ट्रिक देशभर में अपने ईवी नेटवर्क के विस्तार की कोशिश में जुटी हुई है। महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक अहम बाजार माना जाता है। ऐसे में यह मामला ओला की ब्रांड इमेज और बिक्री दोनों को प्रभावित कर सकता है।
ओला इलेक्ट्रिक की प्रतिक्रिया क्या रही?
अब तक ओला इलेक्ट्रिक की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सरकार की ओर से कंपनी को एक शो-कॉज नोटिस (स्पष्टीकरण नोटिस) जारी किया गया है, और उनसे इस गंभीर लापरवाही पर जवाब मांगा गया है।
नियमों का पालन है जरूरी
ओला इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियां भारत में ईवी क्रांति को आगे बढ़ा रही हैं, लेकिन किसी भी कंपनी के लिए कानूनी मानकों का पालन करना अनिवार्य है। यह घटना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि चाहे तकनीक कितनी भी उन्नत क्यों न हो, नियमों की अनदेखी नहीं की जा सकती। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि ओला इस संकट से कैसे उबरती है।