प्रयागराज: माघ मेला -2023 के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर तंबुओं की नगरी में आस्था की ऊर्जा देखते ही बन रही है। सुबह 5.8 बजे अमावस्या तिथि लगते ही पावन त्रिवेणी के साथ-साथ 18 स्नान घाटों पर लोगों ने पुण्य की डुबकी लगानी शुरू कर दी है। रात में दो बार गरज गरज के साथ हुई बरसात ने कुछ देर दिक्कत बढ़ा दी थी लेकिन आस्था प्रतिकूल मौसम पर भारी दिखी।
करीब सात डिग्री सेल्यिसय तापमान में धरती पर उतरे 33 कोटि देवताओं को साक्षी मान इहलोक, परलोक तारने के लिए मनौती मांगी जा रही है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु हाथ में तिल, अक्षत इत्यादि के साथ आधी डुबकी लगा रहे हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक करीब 10 लाख श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाकर दान इत्यादि कर चुके हैं। स्नान उपरांत घाटों पर यथा सामर्थ्य दान, गो-दान किया जा रहा है। मेला क्षेत्र में खिचड़ी का प्रसाद भी वितरित कराया जा रहा है। भजन, भक्ति गीतों से उल्लास की लहर है।
चाय-नाश्ते की व्यवस्था भी विभिन्न संतों की तरफ से अपने शिविरों में कराई गई है। इस बार ग्रह नक्षत्रों का विशेष संयोग बना है। रात 2.59 बजे तक मकर राशि में सूर्य, शुक्र व शनि के संचरण से त्रि-ग्रहीय योग रहेगा। चंद्रमा व बुध धनु राशि में रहेंगे। पद्य पुराण में माघ मास की अमावस्या तिथि सबसे श्रेष्ठ बताई गई है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान सुख-समृद्धि प्रदान करता है। लगभग-लगभग सारे शिविर श्रद्धालुओं से भरे दिखाई दे रहे हैं। बस अड्डे, रेलवे स्टेशन पर भी वापसी वाली भीड़ बढ़ने लगी है। कल्पवासियों के स्वजन, शुभेच्छुओं ने गुरुवार से ही डेरा जमाना शुरू कर दिया था।