डेस्क:ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान में घुसकर न सिर्फ आतंकियों को मौत की नींद सुलाया, उनके ट्रेनिंग कैंप तबाह कर दिए, बल्कि दुनिया के सामने उसके आतंकपरस्त होने के सबूत भी दिखा दिए। इस बीच भारत के इजराइल में राजदूत जेपी सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत का सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल रुका है, खत्म नहीं हुआ।उन्होंने मांग की कि जैसे अमेरिका से तहव्वुर राणा को लाया गया, उसी तरह पाकिस्तान को हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी और साजिद मीर जैसे आतंकी भारत को सौंपने चाहिए।
भारत का संदेश- जहां आतंकी होंगे, मारे जाएंगे
उन्होंने इजरायली टीवी चैनल i24 को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि अब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक नीति को अपनाया है और यह नया सामान्य बन चुका है। राजदूत जेपी सिंह ने कहा, “हमारी नीति साफ है — आतंक का खात्मा हमारी प्राथमिकता है। ऑपरेशन सिंदूर अभी विराम में है, लेकिन समाप्त नहीं। जब तक आतंकी और उनके ढांचे जिंदा हैं, भारत कार्रवाई करता रहेगा।”
हाफिज, लखवी और मीर को सौंपे पाकिस्तान
उन्होंने अमेरिका द्वारा 26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत को सौंपे जाने का उदाहरण देते हुए कहा, “पाकिस्तान को भी हाफिज सईद, जकीउर रहमान लखवी और साजिद मीर को भारत को सौंपना चाहिए। हमने सबूत, डोज़ियर, तकनीकी जानकारियां तक साझा की हैं। फिर भी ये आतंकी खुलेआम घूम रहे हैं।”
कौन हैं साजिद मीर और लखवी
साजिद मीर और जकीउर रहमान लखवी दोनों ही पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकवादी हैं। साजिद मीर 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है। पाकिस्तान से आतंकी नाव के ज़रिए मुंबई पहुंचे थे। मीर ने खुद पाक से फोन पर निर्देश दिए थे। अमेरिका और भारत के पास इस संबंध में वॉयस रिकॉर्डिंग, कॉल डेटा और गवाहियां मौजूद हैं। जकीउर रहमान लखवी लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेशनल चीफ और 26/11 हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है।
नूर खान एयरबेस पर स्ट्राइक बना ‘गेम चेंजर’
जेपी सिंह ने खुलासा किया कि 10 मई को पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर भारत की स्ट्राइक के बाद इस्लामाबाद में घबराहट फैल गई। उन्होंने दावा किया, “पाकिस्तान के डीजीएमओ ने खुद भारत से संपर्क कर सीजफायर की मांग की।” पहलगाम में हुए आतंकी हमले को ऑपरेशन सिंदूर की वजह बताते हुए सिंह ने कहा, “आतंकियों ने पीड़ितों से उनका धर्म पूछकर गोलियां चलाईं। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए।” सिंधु जल संधि को पाकिस्तान द्वारा “युद्ध जैसा कृत्य” बताए जाने पर सिंह ने सख्त जवाब दिया, “हमने पानी बहने दिया और पाकिस्तान ने आतंक। प्रधानमंत्री मोदी साफ कह चुके हैं — ‘खून और पानी साथ में नहीं बह सकते। जब तक आतंक बहता रहेगा, सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी।’
भारत-इजरायल खोले आतंक विरोधी मोर्चा
जेपी सिंह ने वैश्विक सहयोग की बात करते हुए कहा, “भारत और इजरायल जैसे देशों को मिलकर आतंक और आतंक को समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ गठबंधन बनाना चाहिए।” उन्होंने पाक की ओर से पहलगाम हमले की जांच पेशकश को खारिज करते हुए कहा, “मुंबई, पठानकोट और पुलवामा की जांचों का क्या हुआ? कुछ नहीं। ये सिर्फ ध्यान भटकाने वाली चालें हैं।”