डेस्क:सालाना उर्स के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ की दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर भेजी है। इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। वहीं कोर्ट में एक याचिका फाइल कर कहा गया है कि पीएम मोदी की चादर दरगाह पर ना चढ़ाई जाए। वहीं ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोहरा रवैया अपना रहे हैं। एक तरफ वह दरगाह के लिए चादर भेज रहे हैं तो दूसरी तरफ मस्जिदों की खुदाई करवा रहे हैं। बता दें कि केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू पीएम मोदी की चादर लेकर अजमेर शरीफ पहुंचे थे।
ओवैसी ने कहा, पीएम मोदी के चादर भेजने का कोई फायदा नहीं होने वाला है। सरकार को कोर्ट में मस्जिदों और दरगाहों के खिलाफ अर्जियों को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री चादर भेजकर संदेश देना चाहते हैं कि दरगाह और मस्जिदों को मानने वालों का भी वह ध्यान रखते हैं। वहीं बीजेपी और संघ परिवार के लोग दरगाहके खिलाफ कोर्ट जाते हैं और कहते हैं कि यह दरगाह है ही नहीं। वे मस्जिदों के खिलाफ ऐसे ही दावे करते हैं। सरकार को सही मायनों में इस तरह के दावों पर रोक लगानी चाहिए।
अजमेर शरीफ में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर पीएम मोदी की चादर शनिवार को चढ़ाई गई। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी और संघ परिवार के लोग मस्जिदों को खुदवाने के लिए कोर्ट जा रहे हैं। वे कहीं भी दावा कर देते हैं कि यह मस्जिद नहीं है। उत्तर प्रदेश में ही इस तरह के सात मामले सामने आ चुके हैं। इसलिए चादर पॉलिटिक्स से कोई फायदा नहीं होने वाला है।
उन्होंने चीन के दो काउंटी बनाने पर भी कहा कि यह सरकार चीन से डरी हुई है। सरकार ने कोई विरोध नहीं किया। चीन हमारी जमीन पर काउंटी, डैम बना रहा है। अगर डैम बना तो नुकसान किसका होने वाला है। सरकार चीन की इन हरकतों पर रोक क्यों नहीं लगा पा रही है।