नई दिल्ली:भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम (सीजफायर) के आधिकारिक ऐलान के महज़ तीन घंटे बाद ही जम्मू-कश्मीर और पंजाब के कई इलाकों में पाकिस्तानी ड्रोन मंडराते देखे गए। धमाकों की आवाज़ों ने एक बार फिर इस तथाकथित शांति की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए। पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन के बाद भारत ने सख़्त प्रतिक्रिया दी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सेना को तत्काल मुंहतोड़ जवाब देने के निर्देश जारी किए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ : आतंक के गढ़ पर कड़ा प्रहार
सीजफायर के अगले दिन रविवार को भारतीय थल, वायु और नौसेना के शीर्ष अधिकारियों ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता की। इसमें डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की विस्तृत जानकारी साझा की।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए निर्मम आतंकी हमले के बाद आरंभ किया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। सेना ने सीमापार स्थित आतंकी ठिकानों को चिह्नित कर तीन प्रमुख आतंकियों — मुदस्सिर खास, हाफिज जमील और युसुफ अजहर — समेत 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। इनमें पुलवामा और IC-814 विमान अपहरण से जुड़े आतंकी भी शामिल थे।
सटीक लक्ष्य, सीमित हमला
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने इस ऑपरेशन के तहत सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाया। किसी भी प्रकार की नागरिक या सैन्य पाकिस्तानी संरचना को क्षति नहीं पहुंचाई गई। मुरीदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय, जहां अजमल कसाब और डेविड हेडली को प्रशिक्षण मिला था, को भी ध्वस्त किया गया।
वायुसेना की निर्णायक कार्रवाई
एयर मार्शल भारती ने बताया कि नौ आतंकी कैंपों को टारगेट किया गया — जिनमें छह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में और तीन पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में थे। एयर-टू-सर्फेस मिसाइलों से इन हमलों को अंजाम दिया गया, ताकि कोलैटरल डैमेज न हो।
7 मई की रात पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और UAV के जरिए जम्मू-कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में हमलों की कोशिश की गई। भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने मुस्तैदी से कार्रवाई करते हुए अधिकतर ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया।
लाहौर और गुजरांवाला के रडार सिस्टम पर हमला
भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई में लाहौर और गुजरांवाला स्थित रडार व एयरबेस सिस्टम को निशाना बनाया। एयर मार्शल भारती ने बताया कि दुश्मन के सैन्य ठिकानों को लेकर यह संदेश देना ज़रूरी था कि वे भारत की सीमा से दूर नहीं हैं।
नागरिक विमानों की सुरक्षा प्राथमिकता
एयर मार्शल ने बताया कि पाकिस्तान ने सैन्य हमलों के बीच नागरिक विमानों को उड़ान की अनुमति दी थी, जबकि भारत ने अपना एयरस्पेस पूरी तरह बंद रखा। भारतीय वायुसेना ने नागरिक विमानों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जवाबी कार्रवाई में संयम का परिचय दिया।
पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी
डीजीएमओ घई ने बताया कि नियंत्रण रेखा पर 7 से 10 मई के बीच लगातार संघर्ष हुआ, जिसमें पाकिस्तानी सेना के लगभग 35 से 40 जवान मारे गए। एयर मार्शल भारती ने दोहराया कि भारत की लड़ाई पाकिस्तान से नहीं, बल्कि आतंकवाद से है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास हर खतरे का करारा जवाब देने की पूरी सामर्थ्य है।
नौसेना की निगरानी भी रही सख्त
भारतीय नौसेना ने भी अरब सागर में युद्धाभ्यास के साथ पाकिस्तानी नौसेना पर कड़ी निगरानी बनाए रखी। हर गतिविधि का बारीकी से आकलन किया गया ताकि कोई चूक न हो।
भारत ने दुनिया के सामने स्पष्ट संदेश दिया है कि शांति की पहल को उसकी कमजोरी न समझा जाए। आतंकवाद का जवाब आतंकियों को मिटाकर ही दिया जाएगा — और भारत इसके लिए पूरी तरह तैयार है।