• Latest
  • Trending
  • All
  • बिजनेस
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: कर्ज़ से भारी, बातें हल्की!

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: कर्ज़ से भारी, बातें हल्की!

May 7, 2025
ट्रम्प

भारत-पाक युद्धविराम पर ट्रंप की टैरिफ चेतावनी

May 29, 2025
तेज प्रताप यादव

तेज प्रताप निष्कासन पर मामा सुभाष यादव का बड़ा बयान, लालू परिवार में उठे सवाल

May 29, 2025
ये मुगल-ए-आजम का दौर नहीं, तेज प्रताप के समर्थन में अनुष्का के भाई आकाश यादव

तेज प्रताप-अनुष्का विवाद से लालू परिवार घिरा संकट में, आकाश यादव की खुली चुनौती

May 29, 2025
गौतम गंभीर

मैं चयनकर्ता नहीं… अय्यर पर गंभीर का जवाब, बीसीसीआई के निर्णय से संतुष्ट

May 29, 2025
टाइगर-जाह्नवी

टाइगर-जाह्नवी की नई जोड़ी ‘लग जा गले’ में एक्शन-इमोशन के साथ बड़े पर्दे पर

May 29, 2025
‘द ट्रेटर्स’ 12 जून से, करण जौहर करेंगे होस्ट

‘द ट्रेटर्स’ 12 जून से, करण जौहर करेंगे होस्ट

May 29, 2025
फरवरी में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार घटी, IIP 2.9% पर

अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन घटा, वृद्धि दर 2.7% पर

May 29, 2025
आईपीओ

प्रोस्टारम आईपीओ को निवेशकों का जोरदार रिस्पॉन्स, 12.65 गुना सब्सक्राइब

May 29, 2025
आईपीओ

नीलसॉफ्ट का आईपीओ लॉन्च प्रक्रिया में, सेबी को फिर से भेजे दस्तावेज

May 29, 2025
आम की खट्टी-मीठी लौंजी बनाएं घर पर

आम की खट्टी-मीठी लौंजी बनाएं घर पर

May 29, 2025
सावन में कावड़ यात्रा का महत्व और नियम

सावन में कावड़ यात्रा का महत्व और नियम

May 29, 2025
राशिफल

29 मई 2025 का राशिफल

May 29, 2025
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Thursday, May 29, 2025
  • Login
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
No Result
View All Result
ON THE DOT
No Result
View All Result
Home ओपिनियन

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: कर्ज़ से भारी, बातें हल्की!

ON THE DOT TEAM by ON THE DOT TEAM
May 7, 2025
in ओपिनियन, विदेश
Reading Time: 1 min read
A A
0
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: कर्ज़ से भारी, बातें हल्की!

भारत के खिलाफ युद्ध की धौंस और गीदड़भभकियों के बावजूद पाकिस्तान की अंदरूनी स्थिति बहुत कमजोर है, और यह उसकी आर्थिक स्थिति से साफ नजर आता है। आज पाकिस्तान का कर्ज इतनी तेजी से बढ़ चुका है कि किसी भी युद्ध की स्थिति में उसे अपने आर्थिक ढांचे को संभालने में मुश्किलें आ सकती हैं। यहां हम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ और इमरान खान के कार्यकाल की चर्चा करेंगे और देखेंगे कि इन नेताओं ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारने के नाम पर क्या कदम उठाए और क्या नतीजे सामने आए।

पाकिस्तान का बढ़ता कर्ज

पाकिस्तान के पास आज इतना भारी कर्ज है कि युद्ध जैसी स्थिति में यह देश आर्थिक संकट से जूझने के अलावा ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगा। ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा के अनुसार, दिसंबर 2024 तक पाकिस्तान पर लगभग $131 बिलियन का बाहरी कर्ज है, जो देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का करीब 35% है। यह कर्ज पाकिस्तान के तीन प्रमुख नेताओं—नवाज शरीफ, इमरान खान और शहबाज शरीफ—के शासनकाल में कई गुना बढ़ा है।

नवाज शरीफ का कार्यकाल (2013-2017)

नवाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान ने कई प्रमुख देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज लिया। उनका कार्यकाल आर्थिक दृष्टि से पाकिस्तान के लिए चुनौतीपूर्ण था, खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के लिए कर्ज लेने के कारण। नवाज शरीफ के समय पाकिस्तान का कुल कर्ज $60.6 बिलियन तक पहुंच गया था, जिसमें IMF, चीन और अन्य देशों से लिया गया कर्ज शामिल था। उनकी नीतियों ने पाकिस्तान के आर्थिक संकट को और बढ़ाया, लेकिन उन्हें वैश्विक स्तर पर भारी कर्ज के बोझ तले दबने का सामना करना पड़ा।

इमरान खान का कार्यकाल (2018-2022)

इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई। उनकी सरकार ने कर्ज लेने की गति को और तेज किया, खासकर IMF और सऊदी अरब से। इमरान खान ने अपने कार्यकाल में कई प्रयास किए, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान का कर्ज $100 बिलियन तक पहुंच गया। इमरान खान की सरकार की नीतियों के कारण पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और भी बिगड़ी, जिससे उसे बाहरी मदद की जरूरत अधिक महसूस हुई।

शहबाज शरीफ का कार्यकाल (2022-2025)

शहबाज शरीफ की सरकार ने पाकिस्तान के कर्ज को स्थिर करने के लिए कई कड़े उपायों की शुरुआत की, लेकिन देश को फिर भी भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। शहबाज के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और गिरावट आई। उनकी सरकार को पिछले सरकारों द्वारा लिए गए कर्ज का बोझ भी ढोना पड़ा, जिसके कारण पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और कमजोर हुई। शहबाज शरीफ के कार्यकाल में पाकिस्तान का कर्ज $131 बिलियन तक पहुंच चुका है, जो देश की आर्थिक अस्थिरता को उजागर करता है।

निष्कर्ष

इन तीनों प्रमुख नेताओं ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारने के नाम पर कई कदम उठाए, लेकिन उनकी नीतियों के कारण देश की आर्थिक स्थिति और बिगड़ी। पाकिस्तान का बढ़ता हुआ कर्ज यह दर्शाता है कि देश की अर्थव्यवस्था किसी भी युद्ध या संकट की स्थिति में संभलने की स्थिति में नहीं है। अगर पाकिस्तान अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ठोस और स्थिर नीतियां नहीं अपनाता, तो वह भविष्य में और भी बड़ी मुश्किलों का सामना कर सकता है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending News

  • 2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    2024 में खुलेंगे राम मंदिर के दरवाजे, 1000 साल तक कायम रहेगी भव्यता

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • रामनवमी से पहले ही राम लला का सूर्याभिषेक देख भक्त हुए निहाल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • स्वामी चिदम्बरानन्द महाराज के अवतरण महोत्सव व सिवा ट्रस्ट वार्षिकोत्सव का आयोजन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • 24 अगस्त से फिर शुरू हो रही है रामायण सर्किट रेल यात्रा

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • भारत से विभाजन के समय पाकिस्तान में थे 20 फीसदी हिंदू, धर्मांतरण और उत्पीड़न के बाद अब कितने बचे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • बैलेंसिंग लाइफ ही जिंदगी को खुशहाल बना सकती है: रचना हिरण

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मुख्य समाचार
  • देश
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH
Call us: +91 98330 26960
No Result
View All Result
  • मुख्य समाचार
  • देश
    • राज्य-शहर
  • विदेश
  • बिजनेस
  • मनोरंजन
  • जीवंत
  • ENGLISH

Copyright © 2020 ON THE DOT

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In