बाड़मेर:वैसे तो भारत-पाक सीमा पर बसे राजस्थान के बाड़मेर जिले में हजारों पाकिस्तानी परिवार रहते हैं। यह लोग पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत में आ बसे हैं। लेकिन ताजा मामला खासा चौंकाने वाला है। पाकिस्तान में एक हिंदू परिवार धार्मिक उत्पीड़न से इस कदर परेशान हो गया कि भारत आ पहुंचा। जब उसे भारत का वीजा नहीं मिला तो यह परिवार नेपाल के रास्ते होते हुए बाड़मेर तक आ पहुंचा। फिलहाल यह लोग बिना वीजा के यहां रह रहे हैं।
नेपाल के रास्ते भारत पहुंचे
राजेश मेघवाल का दस सदस्यीय परिवार पाकिस्तान के सिंध प्रांत के मीरपुर खास में रहता है। करीब सप्ताह भर पहले यह परिवार नेपाल के रास्ते बाड़मेर पहुंच गया है। फिलहाल यह परिवार बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना ब्लॉक के रोहिला गांव में रह रहा है। इनके पास भारत का वीजा नहीं है।
मजदूरी करने पाकिस्तान गए और वहीं रह गए
जानकारी के मुताबिक भारत-पाक विभाजन से पहले राजेश के माता-पिता मजदूरी के लिए पाकिस्तान के सिंध इलाके में गए हुए थे। इसी दौरान दोनों देशों में विभाजन हो गया और वे पाकिस्तान में रह गए। वहीं परिवार के बाकी लोग बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना क्षेत्र के रोहिला गांव में रह गए।
धार्मिक उत्पीड़न से परेशान
पुलिस ने बताया कि यह परिवार पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न से परेशान था। लंबे समय से यह लोग भारत में अपने परिवार के लोगों के साथ आकर बसना चाहते थे। बताया गया कि कई बार इन लोगों ने भारत सरकार से वीजा के लिए आवेदन भी किया, लेकिन किसी कारणवश इन्हें वीजा नहीं मिल पाया।
बिना वीजा के ही भारत पहुंचे
पुलिस ने बताया कि वीजा नहीं मिलने, धार्मिक उत्पीड़न और पाकिस्तान के हालातों से परेशान होकर इस परिवार ने बिना वीजा ही भारत आना तय किया। इसके बाद नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया। बताया गया कि पाकिस्तान के मीरपुर खास से यह परिवार अप्रैल में नेपाल के रास्ते सड़क मार्ग से भारतीय सीमा में आए। वहां से यह परिवार जोधपुर पहुंचा और जोधपुर के सालूडी गांव में अपने रिश्तेदारों के पास कुछ दिन के ठहराव के बाद यह परिवार बाड़मेर पहुंचा। इसके बाद यहां के धोरीमन्ना के रोहिला गांव में अपने परिवार के साथ आकर रहने लगा।
शरण लेने भारत आए
धोरीमन्ना थानाधिकारी सुखराम विश्नोई ने बताया कि यह सही है कि इस परिवार के पास वीजा नहीं है। उन्होंने बताया कि यह परिवार धार्मिक उत्पीड़न से परेशान होकर भारत शरण लेकर आया है। भारत पहुंचने के बाद इन लोगों ने संबधित अधिकारियों को अपने आने की सूचना भी दी है। यह अब पाकिस्तान वापिस नहीं जाना चाहते हैं। बताया गया कि सुरक्षा एजेंसियों ने इस संबध में गृहमंत्रालय से मार्गदर्शन मांगा है। यहां से दिशानिर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। फिलहाल यह परिवार अभी तक रोहिला में ही रुका हुआ है।